
भारत में बढ़े अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध, मणिपुर में दर्ज हुए सबसे ज्यादा 3,399 मामले
क्या है खबर?
मणिपुर में आदिवासियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती जा रही है। यहां साल 2022 में अनुसूचित जनजाति (ST) के खिलाफ अपराध का सिर्फ 1 मामला दर्ज था, जो 2023 में बहुत अधिक बढ़ गए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, देश में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के मामले 2022 की तुलना में साल 2023 में 28.8 प्रतिशत बढ़ गए हैं। 2022 में देशभर में कुल 10,064 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में बढ़कर 12,960 हो गए।
चिंता
मणिपुर बना आदिवासियों के खिलाफ अपराध का गढ़
मणिपुर मई 2023 से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। यहां मैतेई और कुकी-जो समुदाय के बीच झगड़ा चल रहा है और इसी ने आदिवासियों के खिलाफ हमलों को बढ़ाया है। यहां वर्ष 2023 में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के कुल 3,399 मामले दर्ज किए हैं, जबकि 2022 में यहां केवल एक मामला दर्ज था। सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि वर्ष 2021 में ST के खिलाफ अपराध का कोई भी मामला दर्ज नहीं था।
अपराध
जमीन पर कब्जा करने के मामलों में इजाफा
रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में 2023 में डकैती के 260 मामले, आगजनी के 1051 मामले, अपमान करने के इरादे से धमकी देने के 203 मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने और निपटान के 193 मामले दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2022 में इन सभी श्रेणियों में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था। ST के खिलाफ अपराध के मामले में मध्य प्रदेश दूसरे और राजस्थान तीसरे स्थान पर है। शीर्ष तीनों भाजपा शासित राज्य हैं।
अपराध
दलितों के खिलाफ अपराध में मामूली वृद्धि
NCRB के आंकड़ों को देखें तो अनुसूचित जातियों (SC) के खिलाफ वर्ष 2023 में 0.4 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2022 में दलितों के खिलाफ देशभर में 57,582 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि वर्ष 2023 में 57,789 मामले दर्ज किए गए हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध में देश में 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन बच्चों के खिलाफ अपराध 9.2 प्रतिशत बढ़े हैं, जो चिंता का विषय है।
हिंसा
2 साल से हिंसा की चपेट में है मणिपुर
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई, 2023 को हिंसा शुरू हुई थी, जो आज भी रुक-रुककर जारी है। हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की जान गई, 1,500 से ज्यादा घायल हुए और हजारों विस्थापित हैं। दबाव के चलते डेढ़ साल बाद 9 फरवरी, 2025 को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया। इसके बाद 13 फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 साल बाद 13 सितंबर को मणिपुर गए थे।