
नागपुर हिंसा: उपद्रवियों ने की महिला पुलिस से छेड़छाड़, FIR में हुए ये खुलासे
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने FIR दर्ज की है। इसमें खुलासा हुआ है कि उपद्रवियों ने एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की।
FIR में कहा गया है कि हिंसा के आरोपियों ने घटना के दौरान पुलिसकर्मियों सहित कुछ अन्य महिलाओं के साथ अश्लील इशारे किए और दुर्व्यवहार किया।
आरोपियों ने दंगा नियंत्रण दस्ते के एक पुलिसकर्मी की वर्दी और शरीर को छुआ।
हमले
पुलिसकर्मियों पर भी हुए हमले
FIR के मुताबिक, भीड़ ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम, पुलिस उपायुक्त शशिकांत सातव और सहायक पुलिस आयुक्त अनीता मोरे समेत कई पुलिसकर्मियों पर हमला किया, जिनमें वे घायल हो गए।
भीड़ ने पुलिस वाहनों, यातायात नियंत्रण बूथों, निजी वाहनों और आस-पास के घरों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। 2 क्रेनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
FIR में कहा गया है कि भीड़ ने समुदायों के बीच धार्मिक संघर्ष पैदा करने की साजिश रची।
FIR
अब तक 51 गिरफ्तार
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ये FIR गणेशपेठ पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर जितेंद्र बाबूराव गाडगे द्वारा दर्ज की गई थी, जो 17 मार्च को ड्यूटी पर थे।
पुलिस ने अब तक 51 लोगों को गिरफ्तार किया है और 500-600 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
अभियुक्तों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1932, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 समेत कई कानूनों और धाराओं में मामले दर्ज हुए हैं।
मास्टरमाइंड
पुलिस ने कथित मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया
नागपुर पुलिस ने हिंसा के कथित मास्टरमाइंड फहीम खान का फोटो जारी किया है। फहीम को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस का मानना है कि फहीम ने झड़प शुरू होने से पहले कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था, जिससे हिंसा भड़क उठी।
फहीम माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के नागपुर अध्यक्ष हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में नागपुर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन 6.5 लाख वोटों से हार गए थे।
हालात
नागपुर में अब कैसे हैं हालात?
नागपुर में फिलहाल हालात नियंत्रण में है, लेकिन शहर के कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है। हिंसा प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों, दंगा निरोधी दस्ते और राज्य रिजर्व पुलिस को तैनात किया गया है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में 2,000 से अधिक सशस्त्र पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) और दंगा नियंत्रण पुलिस (RCP) द्वारा पुलिस उपायुक्त रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में गश्त की जा रही है।
हिंसा
कब और कैसे भड़की हिंसा?
दरअसल, 17 मार्च को औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने नागपुर के महाल में विरोध प्रदर्शन किया था।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब की फोटो जलाई और हरे रंग के कपड़े घास भरकर उसे भी जलाया।
इस दौरान आरोप लगे कि इस चादर पर कुरान की आयतें लिखी थीं। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने VHP के खिलाफ मामला दर्ज करवाया और शाम होते-होते हिंसा भड़क गई।