
महाराष्ट्र में औरंगजेब विवाद के बीच फैली हिंसा? 40 वाहन फूंके गए, 50 लोग हिरासत में
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र के विवाद के बीच सोमवार रात को नागपुर हिंसा की आग में झुलस गया।
जिले के महाल इलाके में एक पवित्र पुस्तक जलाने की अफवाह के बीच दो समुदायों में झगड़ा शुरू हो गया। विवाद इतना बढ़ा की 40 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और खूब पथराव हुआ।
पुलिस ने मामले में 50 लोगों को हिरासत में लिया है।
शहर में हिंसा कैसे शुरू हुई? आइए, जानते हैं।
हिंसा
कैसे शुरू हुई हिंसा?
नागपुर के महाल इलाके में सोमवार सुबह 7 से 9 बजे के बीच मराठा प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शिव जयंती कार्यक्रम था।
कार्यक्रम के बाद दोपहर 12 बजे विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के 50 कार्यकर्ताओं ने मौके पर औरंगाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब की तस्वीर और घास से भरे हरे कपड़े को प्रतीकात्मक कब्र बताते हुए जलाया।
अफवाह
अफवाह से फैल गई हिंसा
प्रतीकात्मक कब्र जलाने समेत कई अन्य वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने लगी और अफवाह फैलाई गई कि प्रदर्शनकारियों ने एक पवित्र पुस्तक को जलाकर उसका अपमान किया है।
इसके बाद शाम 5 से 7 बजे के बीच मुस्लिम समुदाय के युवक इलाके में इकट्ठा होने लगे और नारेबाजी करने लगे।
कुछ देर में सैकड़ों युवक सड़कों पर उतर आए और हंगामा शुरू हो गया। इस बीच कुछ युवक हिंसक हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
आगजनी
पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे
भीड़ ने पुलिस पर पथराव करने के बाद वाहनों में आग लगानी शुरू कर दी और कुछ दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया।
उपद्रवियों ने चिटनिस पार्क और महल इलाके में कई घरों में पत्थर फेंके। 40 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें क्रेन भी शामिल है।
पुलिस ने उपद्रवियों को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
हिरासत
50 हिरासत में लिए गए, इलाके में कर्फ्यू
हिंसा में 30 पुलिसकर्मी और 10 से अधिक नागरिक घायल हुए हैं। हिंसा फैलाने के आरोप में 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
महाराष्ट्र पुलिस की साइबर शाखा ने जुड़े 100 से अधिक सोशल मीडिया खातों की जांच शुरू कर दी है, जिन पर अफवाह फैलाने का आरोप है।
नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंगल ने धारा-163 के तहत नोटिस जारी कर कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में कर्फ्यू लगाया है।
अपील
शांति बनाए रखने की अपील
नागपुर से 3 बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है।
उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने गलतियां की हैं या अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।
मामले में कांग्रेस भाजपा नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर हावी है और मामले को तूल देने का आरोप लगाया है।
ट्विटर पोस्ट
नागपुर में हिंसा का दृश्य
नागपुर में औरंगज़ेब की मजार का विवाद इतना बढ़ गया है कि मुख्यमंत्री के शहर में दंगे हो रहे हैं! ये सरकार की नाकामी का ज़िंदा सबूत है।
— अपूर्व اپوروا Apurva Bhardwaj (@grafidon) March 17, 2025
जब सरकार नफरत की राजनीति से फुर्सत पाएगी, तब शायद कानून-व्यवस्था पर ध्यान दे पाएगी। #घोरकलजुग #Nagpur pic.twitter.com/Yx9Sxf4m4u
विवाद
महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर क्या है विवाद?
महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब हाल में छावा फिल्म रिलीज हुई।
इसके बाद मुंबई के मानखुर्द शिवाजीनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की।
विवाद बढ़ा तो आजमी को विधानसभा में पूरे बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया और FIR हुई। वे जमानत पर हैं।
इसी बीच औरंगाबाद के खुल्दाबाद में स्थित औरंगज़ेब के मकबरे को हटाने की मांग शुरू हो गई, जो ASI द्वारा संरक्षित है।