देश में बढ़ रही कोचिंग सेंटरों की संख्या, संसदीय समिति करेगी प्रवृत्ति और कानूनों की जांच
क्या है खबर?
छात्रों में आत्महत्या के मामलों में खतरनाक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए एक संसदीय समिति भारत में कोचिंग सेंटरों के तेजी से प्रसार की समीक्षा करेगी। इसमें विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों पर उनके प्रभाव की जांच की जाएगी। शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति इन सेंटरों से जुड़े सामाजिक मुद्दों पर भी गौर करेगी। यह फैसला पढ़ाई के दबाव के कारण छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं के बीच लिया गया है।
समीक्षा
पीएम-श्री और NCERT के प्रदर्शन की समीक्षा भी करेगी समिति
समिति 2025-26 में प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना की भी समीक्षा करेगी। इसके अलावा, यह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के कामकाज और भाषाई एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में शिक्षा को बढ़ावा देने के उसके प्रयासों का भी आकलन करेगी। समिति द्वारा भारतीय उच्च शिक्षा परिषद (HECI) बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय के प्रयास और योजनाओं की भी समीक्षा करेगी। इससे शिक्षा को लेकर कई चीजें स्पष्ट हो सकेंगी।
विधेयक
शीतकालीन सत्र में पेश होगा HECI विधेयक
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) जैसी संस्थाओं की जगह लेने वाले HECI की स्थापना के लिए विधेयक 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना है। प्रस्तावित HECI नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है और इसका उद्देश्य UGC, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) सहित मौजूदा संस्थाओं का विलय करके उच्च शिक्षा विनियमन को सुव्यवस्थित करना है। AICTE तकनीकी शिक्षा और NCTE शिक्षक शिक्षा के लिए नियामक निकाय है।
प्रभाव
शिक्षा पर AI के प्रभाव की समीक्षा भी करेगी समिति
संसदीय समिति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रभाव और शिक्षा एवं छात्रों पर उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रभाव का भी अध्ययन करेगी। इसमें स्कूल बंद करने से संबंधित वर्तमान प्रथाओं और नीतियों का अध्ययन शामिल है। इसके अलावा, यह इंडोलॉजिकल शैक्षणिक परंपराओं के अध्ययन और वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर उनके प्रभाव की समीक्षा भी करेगी। इसी तरह देश में कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए मौजूदा कानूनों पर भी गौर किए जाने की संभावना है।
कारण
क्या है समीक्षा किए जाने का कारण?
बता दें कि हाल के वर्षों में कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेने वाले छात्रों द्वारा पढ़ाई के दबाव के कारण आत्महत्या करने के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें से कई मामले अकेले राजस्थान के कोटा शहर में सामने आए हैं। कोटा में देशभर के छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिए परीक्षा की तैयारी करने पहुंचते हैं। यही कारण है कि कोटा को भारत की कोचिंग राजधानी के रूप में जाना जाता है।
जानकारी
भारत में कितने कोचिंग सेंटर संचालित हैं?
संसदीय रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 अक्टूबर, 2025 तक कुल 68,181 कोचिंग सेंटर संचालित हैं। इनमें से 89.07 प्रतिशत यानी 60,728 एकल-मालिक संचालन हैं। इसी तरह 10.93 प्रतिशत यानी 7,453 सेंटर बहु मालिक और अन्य प्रकार के हैं।