 
                                                                                मुंबई में बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित के एनकाउंटर से राज दफन, क्या-क्या सामने आया?
क्या है खबर?
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पवई स्थित आरए स्टूडियो में 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य के एनकाउंटर से कई राज दफन हो गए हैं। सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि रोहित कुछ खुलासा करने वाला था, लेकिन उसकी मौत के बाद सारे राज दबे रह जाएंगे। बच्चों को बंधक बनाने के पीछे उसका पूर्व शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग से विवाद भी सामने आ रहा है। जानिए, अब तक क्या-क्या पता चला।
विवाद
महाराष्ट्र में शिक्षा विभाग के स्कूल प्रोजेक्ट से जुड़ा था रोहित
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित आर्य पुणे का रहने वाला था। उसे पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने शिक्षा विभाग के स्कूल का प्रोजेक्ट सौंपा था। रोहित का दावा था कि सरकार की 'माझी शाला, सुंदर शाला' योजना उसका विचार था, जो उसकी फिल्म 'लेट्स चेंज' से प्रेरित थी। योजना को 2022 में शिंदे सरकार ने लागू किया था, जिसके लिए 2 करोड़ का बजट आवंटित था।
विरोध
पैसे न मिलने पर धरना दे चुका था रोहित
रोहित ने आरोप लगाया था कि सरकार ने उसके विचार और फिल्म के अधिकार का इस्तेमाल किया, लेकिन उसे पैसे और क्रेडिट नहीं दिया। रोहित ने कई बार शिक्षा विभाग और केसरकर के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया था। उसने एक महीने का अनशन भी किया था। अपने पुराने बयान में रोहित ने अनशन के दौरान कहा था कि अगर उसने आत्महत्या की तो केसरकर, उनके निजी सचिव मंगेश शिंदे, तत्कालीन शिक्षा आयुक्त सूरज मंडरे, तुषार महाजन, समीर सावंत जिम्मेदार होंगे।
सफाई
सरकार ने दी सफाई, कहा- रोहित विभाग से नहीं जुड़ा था
रोहित के एनकाउंटर के बाद महाराष्ट्र सरकार ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि रोहित और उनकी कंपनी अफसरा मीडिया एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स का शिक्षा विभाग से कोई आधिकारिक संबंध नहीं था। सरकार ने कहा कि कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) परियोजना 'स्वच्छता मॉनिटर' को 2021 में केवल एक बार 9 लाख रुपये की फंडिंग मिली थी। इसके बाद के संस्करण, 'स्वच्छता मॉनिटर 2.0' और 2024-25 के लिए 6.14 करोड़ रुपये का प्रस्ताव था, लेकिन इसे कभी मंजूरी नहीं दी गई।
बयान
निजी तौर पर गतिविधियां जारी रखे था रोहित
सरकार ने बताया कि इसके बावजूद आर्या का संगठन बिना किसी आधिकारिक अनुमति और बिना अनुमोदन के निजी तौर पर स्कूलों से धन एकत्र करने की गतिविधियां जारी रखे हुए था। बयान के मुताबिक, इस परियोजना के लिए सरकार की कोई वित्तीय या प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं है और आर्या की मौत का विभाग से कोई संबंध नहीं है। शिक्षा सचिव रंजीत सिंह देओल ने भी कहा कि रोहित से विभाग का कोई 2 करोड़ रुपये का समझौता नहीं हुआ था।
बंधक
अपनी बात मनवाने के लिए रोहित ने बनाया 17 बच्चों को बंधक, मारा गया
गुरुवार को आरए स्टूडियो में ऑडिशन के दौरान रोहित ने 17 बच्चों, एक बुजुर्ग और एक अन्य व्यक्ति को बंधक बना लिया था। उसने वीडियो जारी कर कहा था कि उसे कुछ नैतिक सवाल पूछने है, इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस स्टूडियो में बाथरूम की ग्रिल काटकर पहुंची। उसकी रोहित से मुठभेड़ हुई, जिसमें वह घायल हो गया। रोहित ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने सभी बच्चों को छुड़ा लिया है।