गृह मंत्रालय, रेलवे और बैंक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें- CVC रिपोर्ट
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने भ्रष्टाचार को लेकर आज अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि साल 2022 में भ्रष्टाचार की सबसे अधिक शिकायतें गृह मंत्रालय के अधिकारियों की आई हैं। इसके बाद रेलवे और बैंकों में काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ लोगों ने शिकायत की है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल कुल 1 लाख 15 हजार 203 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 29,766 अभी भी लंबित हैं।
गृह मंत्रालय की सबसे ज्यादा शिकायतें
कुल 1 लाख 15 हजार 203 शिकायतों में से 85,437 का निपटारा कर दिया गया है। इनमें से सबसे ज्यादा (46,643) शिकायतें गृह मंत्रालय के कर्मचारियों की मिली है, जिनमें से 23,919 का समाधान कर दिया गया है। इसके बाद रेलवे को 10,580 और बैंकों को 8,129 शिकायतें मिली हैं। कुल शिकायतों में से 85,437 का समाधान कर दिया गया है। 22,034 शिकायतें ऐसी हैं, जो 3 महीने से ज्यादा समय से लंबित हैं।
दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ 7,000 शिकायतें
साल 2022 में दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 7,370 शिकायतें मिली थीं। इनमें से 6,804 का निपटारा कर दिया गया है, जबकि 566 अभी भी लंबित हैं। रेलवे ने 9,663 शिकायतों का निपटारा कर दिया, जबकि 917 अभी भी लंबित हैं। इनमें से 9 तीन महीने से अधिक समय से लंबित हैं। बैंकों ने 7,762 शिकायतों का निपटारा कर दिया है और 367 लंबित हैं। इनमें से 78 तीन महीने से अधिक समय तक लंबित रहीं।
किन विभागों के खिलाफ कितनी शिकायतें मिलीं?
रिपोर्ट के मुताबिक, 4,710 शिकायतें आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली मेट्रो रेल निगम, दिल्ली शहरी कला आयोग, हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड, आवास और शहरी विकास निगम लिमिटेड और NCR योजना बोर्ड के कर्मचारियों के खिलाफ थीं। इनमें से 3,889 का निपटारा कर दिया गया है। 821 शिकायतें अभी भी लंबित हैं, जिसमें 577 तीन महीने से ज्यादा पुरानी हैं। 2021 में भी गृह मंत्रालय के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें मिली थीं।
इन मंत्रालयों के खिलाफ भी मिली शिकायतें
CVC ने रिपोर्ट में कहा है कि 4,304 शिकायतें कोयला मंत्रालय के खिलाफ थीं, जिनमें से 4,050 का निपटारा कर दिया गया है। 4,236 शिकायतें श्रम मंत्रालय के खिलाफ थीं, जिनमें से 4,016 का निपटारा किया गया। 2,617 शिकायतें पेट्रोलियम मंत्रालय के खिलाफ थीं, जिनमें से 2,409 को सुलझाया गया है। इसके अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के खिलाफ 2,150, रक्षा मंत्रालय के खिलाफ 1,619, दूरसंचार विभाग के खिलाफ 1,308 और वित्त मंत्रालय के के खिलाफ 1,202 शिकायतें मिली हैं।
क्या है केंद्रीय सतर्कता आयोग?
CVC भारत सरकार के अलग-अलग विभागों के अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार नियंत्रण की सर्वोच्च संस्था है। ये एक स्वतंत्र निकाय है, जो किसी भी मंत्रालय के अधीन न होकर केवल संसद के प्रति जिम्मेदार है। 11 फरवरी, 1964 को भ्रष्टाचार निवारण समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने CVC की स्थापना की थी। इसमें एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (अध्यक्ष) और अधिकतम 2 सतर्कता आयुक्त (सदस्य) शामिल होते हैं। वर्तमान में प्रवीण कुमार श्रीवास्तव इसके प्रमुख हैं।