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वायुसेना से 62 साल बाद हुई मिग-21 की विदाई, 6 विमानों ने भरी आखिरी उड़ान
वायुसेना से मिग-21 विमानों की आधिकारिक विदाई हो गई है (फाइल तस्वीर)

वायुसेना से 62 साल बाद हुई मिग-21 की विदाई, 6 विमानों ने भरी आखिरी उड़ान

लेखन आबिद खान
Sep 26, 2025
12:31 pm

क्या है खबर?

भारतीय वायुसेना में 62 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान आज सेवानिवृत्त हो गया है। चंडीगढ़ एयरबेस से 6 मिग विमानों के बेड़े ने आखिरी उड़ान भरी, जिसका नेतृत्व वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने किया। स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी फ्लाईपास्ट में हिस्सा लिया। इस विमान को 1963 में चंडीगढ़ से ही वायुसेना में शामिल किया गया था। विदाई समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत कई अधिकारी शामिल हुए।

बयान

राजनाथ बोले- मिग ने हर वक्त हमें ताकत प्रदान की

राजनाथ सिंह ने कहा, "हम एक ऐसे अध्याय को विदाई दे रहे हैं, जिससे काफी यादें जुड़ी हैं। यह एक मशीन नहीं, बल्कि भारत-रूस की मित्रता की मिसाल है। लंबे समय से मिग-21 अनेक वीरतापूर्ण कार्यों का साक्षी रहा है। इसका योगदान एक घटना या युद्ध तक सीमित नहीं रहा। 1971 के युद्ध से लेकर करगिल तक, बालाकोट से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, ऐसा कोई क्षण नहीं रहा जब मिग-21 ने हमारे सशस्त्र बलों को ताकत प्रदान न की हो।"

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें मिग-21 की आखिरी उड़ान

फ्लाईपास्ट

फ्लाईपास्ट में क्या-क्या हुआ?

मिग-21 के औपचारिक फ्लाईपास्ट में 23 स्क्वाड्रन के 6 मिग-21 जेट विमानों को 2 फॉर्मेशन फ्लाईपास्ट में शामिल किया गया। इसमें एक बादल फॉर्मेशन है, जिसमें 3 मिग-21 ने हिस्सा लिया। इसके बाद विमानों ने पैंथर फॉर्मेशन बनाया, जिसमें 5 मिग-21 विमान शामिल हुए। फ्लाईपास्ट के बाद विमानों को वाटर सैल्यूट (फायर टेंडर्स से पानी की धारा) दिया गया। इसी के साथ आधिकारिक तौर पर मिग-21 वायुसेना से सेवानिवृत्त हो गए।

महिला पायलट

फ्लाईपास्ट में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी हिस्सा लिया

फ्लाईपास्ट में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी हिस्सा लिया। वे फ्लाईपास्ट में इकलौती महिला पायलट थीं। प्रिया राजस्थान की रहने वालीं हैं और उनके पिता भी वायुसेना में रहे हैं। शर्मा दिसंबर, 2018 में एयर फोर्स अकादमी हैदराबाद के डुंडीगल से स्नातक हुईं। यहां उनको तत्कालीन सेना प्रमुख बिपिन रावत ने प्रमाण-पत्र दिया था। इसके बाद उन्हें फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन मिला। शर्मा वायुसेना की 7वीं महिला लड़ाकू पायलट हैं।

युद्ध

करगिल समेत कई युद्ध में अहम भूमिका निभा चुका है मिग-21

मिग-21 भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। यानी ये आवाज की गति (332 मीटर प्रति सेकेंड) से तेज उड़ सकता है। इस विमान ने 1965 के भारत-पाक युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 1999 के करगिल युद्ध और 2019 के बालाकोट हवाई हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहां तक की इसने 'ऑपरेशन सिंदूर' में भी योगदान दिया है। ये वायुसेना में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाला विमान भी है।

तेजस

मिग-21 की जगह लेंगे तेजस विमान

वायुसेना में मिग-21 विमानों की जगह अब नए तेजस विमान लेंगे। रक्षा मंत्रालय ने बीते दिन ही 97 तेजस लड़ाकू विमानों के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 62,370 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में HAL के साथ 83 तेजस मार्क-1A विमानों को लेकर समझौता किया था। इसकी लागत 46,898 करोड़ रुपये की थी। ये 2028 तक वायुसेना को मिलना शुरू हो जाएंगे।