
ग्वालियर: रामलीला से 20 साल से जुड़े थे मुस्लिम नेता, हिंदू संगठनों ने विरोध कर हटवाया
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आपसी सौहार्द और सद्भाव को झटका लगा है। यहां पिछले 20 साल से रामलीला में सह-संयोजक का दायित्व निभा रहे मुस्लिम नेता नूर आलम को राम बारात के संयोजक पद से हटा दिया गया है। हिंदू संगठनों के विरोध को देखते हुए रामलीला के संयोजक पूर्व विधायक राजेश अग्रवाल ने नूल आलम उर्फ गुड्डू वारसी को पद से हटाने का पत्र जारी किया। वारसी भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं।
विवाद
क्या है पूरा मामला?
ग्वालियर के फूलबाग मैदान में श्रीरामलीला चल समारोह समिति के तहत 100 साल से अधिक पुरानी रामलीला आयोजित होती है। समिति में पिछले 20 साल से सह-संयोजक पद पर पूर्व पार्षद वारसी हैं। समिति ने इस साल राम बारात के लिए 3 समन्वयक रामनारायण मिश्रा, वारसी और संजय कट्ठल नियुक्त किए थे। बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच ने वारसी का विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने सनातन धर्म के कार्य में मुस्लिम का विरोध जताया, जिसके बाद उनको हटाया गया।
पहचान
सिंधिया के खास माने जाते हैं वारसी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल और पूर्व पार्षद वारसी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। दोनों नेता पहले सिंधिया के साथ कांग्रेस में थे और जैसे ही सिंधिया भाजपा में आए, ये भी पार्टी बदलकर उनके साथ आ गए। वारसी को भाजपा ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का उपाध्यक्ष बनाया। वह कांग्रेस में रहते हुए रामलीला से जुड़े थे और पात्र भी निभाते थे, लेकिन पहली बार उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा।
ट्विटर पोस्ट
सुनिए, क्या बोले गुड्डू वारसी
ये गुड्डू वारसी हैं, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष 25 साल से रामलीला में भाग लेते हैं, ग्वालियर में राम बारात चल समारोह के संयोजक थे बजरंग दल और हिन्दू जागरण मंच को ऐतराज था हटा दिये गये! @GargiRawat @alok_pandey @manishndtv pic.twitter.com/NW2rFQMdxK
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 26, 2025