चीन में भारतीय महिला की हिरासत, राम मंदिर पर पाकिस्तानी आपत्ति पर भारत ने क्या कहा?
क्या है खबर?
विदेश मंत्रालय ने अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार का रुख स्पष्ट किया है। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश की महिला को शंघाई हवाई अड्डे पर रोके जाने की घटना पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ये दोनों देशों के रिश्तों को सामान्य बनाने में मददगार नहीं है। वहीं, पाकिस्तान द्वारा अयोध्या के राम मंदिर में ध्वजारोहण का विरोध करने पर भी मंत्रालय ने जवाब दिया है।
चीन
मंत्रालय ने कहा- चीन का व्यव्हार अस्वीकार्य
जायसवाल ने कहा कि शंघाई हवाई अड्डे पर पेमा के साथ चीन का व्यव्हार स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मंत्रालय ने बताया कि पेमा जो ब्रिटेन में ACA समूह के लिए IFPR रिपोर्टिंग और प्रूडेंशियल कार्य का नेतृत्व करती हैं, का हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने आव्रजन अधिकारियों के साथ मिलकर उनकी राष्ट्रीयता का मजाक उड़ाया और कहा कि उनका वीजा स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह घटनाक्रम संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया में मदद नहीं करता है।
बयान
चीन को लेकर मंत्रालय ने और क्या कहा?
जायसवाल ने कहा, "दोनों देशों ने अक्टूबर, 2024 के बाद सीमाओं पर शांति और सौहार्द स्थापित करने के लिए मिलकर काम किया है। भारत का हमेशा से मानना रहा है कि चीन के साथ संबंध तभी प्रगाढ़ हो सकते हैं, जब सीमा पर शांति हो।" बता दें कि अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली पेमा 21 नवंबर को शंघाई होते हुए जापान जा रही थीं। शंघाई में चीनी अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट की वैधता स्वीकार करने से मना कर दिया था।
पाकिस्तान
राम मंदिर ध्वाजारोहण समारोह में पाकिस्तानी आपत्ति पर भी आया जवाब
अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी पर पाकिस्तान ने अनर्गल टिप्पणी की थी। इस पर मंत्रालय ने कहा, "हम उनकी टिप्पणी को उस अवमानना के साथ अस्वीकार करते हैं जिसके वे हकदार हैं। कट्टरता, दमन, अल्पसंख्यकों के साथ प्रणालीगत दुर्व्यवहार के गहरे दागदार रिकॉर्ड के साथ पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है। उपदेश देने के बजाय, पाकिस्तान को अपने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए।"
शेख हसीना
शेख हसीना के निर्वासन पर भी आई जानकारी
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के निर्वासन पर मंत्रालय ने कहा कि भारत न्यायिक और इंटरनल लीगल प्रोसेस के हिस्से के तौर पर मांग की जांच कर रहा है। उन्होंने कहा, "हम बांग्लादेश के लोगों के सबसे अच्छे हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है और इस बारे में सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक तरीके से बातचीत कर अगला कदम उठाएंगे।"