
मणिपुर में भीड़ ने सरकारी कार्यालय जलाने की कोशिश की, पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह दिल्ली रवाना
क्या है खबर?
मणिपुर में मैतेई कट्टरपंथी सशस्त्र समूह अरामबाई टेंगोल (AT) के सदस्य कानन सिंह की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।
बीती रात कुछ अज्ञात लोगों ने इंफाल पूर्व जिले के याइरीपोक तुलिहाल में उप-विभागीय कलेक्टर (SDC) कार्यालय को जलाने की कोशिश की। कर्फ्यू लागू होने के बावजूद भारी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं।
इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह दिल्ली रवाना हुए हैं।
हिंसा
जगह-जगह सड़कों पर लोग, बाजार-शैक्षणिक संस्थान बंद
AT ने कानन की गिरफ्तारी के विरोध में 10 दिवसीय मणिपुर बंद की घोषणा की है।
इस दौरान बड़ी संख्या में लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए घरों से बाहर निकले और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। हिंसा के चलते सभी बाजार और शैक्षणिक संस्थान बंद किए गए हैं। परीक्षाएं भी स्थगित की गई हैं।
पुलिस ने कहा कि वो स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। अब तक 2 पत्रकार समेत 15 लोग घायल हुए हैं।
रिहा
पुलिस ने कानन के साथ हिरासत में लिए 4 युवकों को छोड़ा
पुलिस ने कहा कि कानन के साथ गिरफ्तार किए गए 4 अन्य लोगों को रिहा कर दिया गया है। केवल कानन को राज्य से बाहर ले जाया गया है।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि कानन को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहले दर्ज एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया है, न कि AT के नेता के तौर पर उनकी भूमिका में।
बता दें कि कानन को असम ले जाया गया है।
मुख्यमंत्री
पूर्व मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हुए, लोगों से की शांति की अपील
पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा मणिपुर में बढ़ती हिंसा के बीच केंद्रीय नेताओं को जानकारी देने के लिए दिल्ली रवाना हुए।
इससे पहले सिंह ने कहा, "मैं जनता से अपील करता हूं, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण है। लोगों को हिंसा से बचते हुए सावधानी और एकता के साथ काम करना चाहिए। एकता हमारी ताकत है और उठाया गया हर कदम हमें शांति की ओर ले जाना चाहिए।"
महंगाई
खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़े, दवाइयां भी महंगी हुई
प्रदर्शनकारियों ने रास्ते बंद कर दिए हैं, जिससे खाने-पीने का सामान महंगा हो गया है। चुराचांदपुर और राजधानी इंफाल में खाने-पीने की चीजें और दवाइयों कमी होने की खबरें हैं।
खाने-पीने के सामान और दूसरी चीजें अब मिजोरम के रास्ते आ रही हैं, इसलिए महंगी हो गई हैं।
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश भी की। फिलहाल 5 जिलों में इंटरनेट बंद हैं और 2 जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
राष्ट्रपति शासन
2 साल से जारी हिंसा, 300 से ज्यादा की मौत
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई, 2023 से हिंसा जारी है। इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, 1,500 से ज्यादा घायल हुए हैं और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
हिंसा नहीं रोक पाने के दबाव के चलते 9 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।