पुणे: बुजुर्ग सेवानिवृत्त अधिकारी ने डिजिटल गिरफ्तारी के बाद 1.20 करोड़ रुपये गंवाए, सदमे से मौत
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के पुणे में साइबर अपराधियों की गिरफ्त में आकर एक 82 वर्षीय बुजुर्ग सेवानिवृत्त अधिकारी ने 1.20 करोड़ रुपये गवां दिए। इसके बाद सदमे से उनकी मौत हो गई। विश्रांतवाड़ी निवासी मृतक बुजुर्ग की 80 वर्षीय पत्नी ने मंगलवार को पुलिस के पास प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। बुजुर्ग अधिकारी की मौत एक सप्ताह पहले दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। साइबर अपराधियों ने बुजुर्ग दंपति को मानव तस्करी से जुड़ा बताया था।
घटना
क्या है पूरा मामला?
बुजुर्ग महिला ने पुलिस को बताया कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में, उनके पति को एक फोन आया था, जिसमें व्यक्ति ने खुद को मुंबई कोलाबा पुलिस स्टेशन का पुलिस अधिकारी शर्मा बताया। उसने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल का नाम लिया और कहा कि उनके नाम का एक खाता 'नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस' और मानव तस्करी के एक मामले में चिह्नित किया गया है। कॉल करने वाले ने एक कागज भेजा, जिसे उसने कानूनी नोटिस बताया था।
दावा
बुजुर्ग से उनकी राय पूछी और बुजुर्ग ने डिजिटल गिरफ्तारी चुनी
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, साइबर अपराधियों ने खुद को IPS अधिकारी विजय खन्ना और CBI अधिकारी दया नायक बताकर बुजुर्ग दंपति को गिरफ्तारी की धमकी दी। अपराधियों ने दंपति से पूछा कि वे जेल में रहना पसंद करेंगे या डिजिटल होम अरेस्ट लेंगे, इस पर दंपति ने डिजिटल गिरफ्तारी चुना था। उनको बताया गया कि वे निगरानी में हैं और किसी से बात न करें। उनसे सभी खातों की जानकारी मांगी गई और पैसों के सत्यापन की बात कही।
जांच
21 अगस्त से 19 सितंबर तक किए 5 बड़े ट्रांसफर
अपराधियों ने बुजुर्ग दंपति से कहा कि वे सत्यापन के लिए सारे पैसे सरकारी खाते में भेजें, अगर उनका नाम केस में नहीं हुआ तो सारा पैसा वापस होगा। इसके बाद दंपति ने 21 अगस्त से 19 सितंबर के बीच 5 बड़े ट्रांसफर करके 1.20 करोड़ रुपये जालसाजों के खाते में डाल दिए। धोखाधड़ी का अहसास होने पर दंपति ने 23 सितंबर को साइबर थाने में शिकायत दी। हालांकि, 23 अक्टूबर को बुजुर्ग का हार्ट अटैक से निधन हो गया।