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मध्य प्रदेश: एम्बुलेंस के अभाव में बाइक पर 80 किलोमीटर ले जाना पड़ा मां का शव
मध्य प्रदेश में एम्बुलेंस के अभाव में बेटों को बाइक पर ले जाना पड़ा मां का शव। तस्वीर: (Twitter/@@vishnukant_7)

मध्य प्रदेश: एम्बुलेंस के अभाव में बाइक पर 80 किलोमीटर ले जाना पड़ा मां का शव

Aug 01, 2022
04:17 pm

क्या है खबर?

मध्य प्रदेश के शहडोल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। वहां के मेडिकल कॉलेज में एक महिला की मौत होने के बाद प्रशासन ने शव ले जाने के लिए एक न तो एम्बुलेंस दी और न ही शव वाहन दिया। ऐसे में मृतका के मजबूर बेटों को अपनी बाइक पर ही मां का शव बांधकर 80 किलोमीटर दूर लाने को मजबूर होना पड़ा। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

घटना

शनिवार देर रात हुई थी महिला की मौत

शहडोल के अनूपपुर ब्लॉक के गोडारू गांव निवासी सुंदर यादव ने बताया कि उसकी मां जयमंत्री को शनिवार को सीने में तकलीफ होने पर जिला अस्पताल शहडोल में भर्ती कराया था। वहां राहत नहीं मिलने पर रात करीब 11 बजे उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रैफर कर दिया गया। सुंदर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान रात 02.40 बजे उसकी मां ने दम तोड़ दिया था। जिसके बाद रविवार सुबह प्रशासन ने उन्हें शव सुपुर्द कर दिया।

अन्याय

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने किया एम्बुलेंस और शव वाहन सुविधा से इनकार

सुंदर ने बताया कि शव सुपुर्द करने के बाद उन्होंने शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस या शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की थी, लेकिन अधिकारियों ने सुविधा से इनकार कर दिया। इसके बाद उसने निजी एम्बुलेंस चालक से बात की तो उसने 80 किलोमीटर के 5,000 रुपये मांगे। उसने बताया कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह निजी एम्बुलेंस का शुल्क नहीं भर सकता था। ऐसे में उसने बाइक पर शव लाने का निर्णय किया।

मजबूरी

लकड़ी की पटिया पर बांधकर लाए शव

सुंदर ने बताया कि उसने अन्य लोगों से भी आर्थिक सहयोग मांगा था, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। इसके बाद उसने 100 रुपये में लकड़ी की पटिया खरीदकर उसे बाइक पर बांधा और फिर उस पर मां का शव रखकर पीछे भाई को बैठा लिया। बाद में वह और उसका भाई 80 किलोमीटर शव को बाइक पर लेकर अपने गांव गोडारू पहुंचे। वहां खड़े कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें बेटों के शव ले जाने का वीडियो

आरोप

सुंदर ने जिला अस्पताल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

सुंदर ने जिला अस्पताल की नर्सों पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाते हुए मां की मौत के लिए मेडिकल अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कहने को तो शहड़ोल संभाग का सबसे बड़ा सर्व सुविधायुक्त मेडिकल कॉलेज है, लेकिन यहां लोगों को अच्छा इलाज तो छोड़िये मरने पर शव वाहन भी नहीं मिलता है। वहां सुविधाओं के नाम पर बस खानापूर्ति की जाती है और लोगों की मजबूरी का फायदा उठाया जाता है।

बयान

मेडिकल कॉलेज में नहीं है शव वाहन और एम्बुलेंस की सुविधा- श्रीलाकर

इस घटना पर मेडिकल कॉलेज शहडोल के अधीक्षक मिलिंद श्रीलाकर ने कहा कि उनके यहां न तो एम्बुलेंस की सुविधा है और न ही शव वाहन की। चिकित्सा विभाग की ओर से गत दिनों कॉलेज को दो नई एम्बुलेंस दी गई थी, लेकिन अभी तक उनके पंजीयन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि पंजीयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही मरीजों को एम्बुलेंस की सुविधा दी जा सकेगी। ऐसे में मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है।