मध्य प्रदेश: बिना लाइसेंस के चल रही थी हारदा फैक्ट्री, रखे थे अनुमति से अधिक पटाखे
मंगलवार को मध्य प्रदेश के हारदा में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 11 लोगों की मौत हो गई और 174 अन्य घायल हुए हैं। इस मामले में पुलिस ने फैक्ट्री के 2 मालिकों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है। अब सामने आ रहा है कि 2 दशक से चल रही ये फैक्ट्री वैध लाइसेंस के बिना और जरूरी सुरक्षा सावधानियों को नजरअंदाज कर चल रही थी। इसकी जानकारी NDTV ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है।
बिना लाइसेंस के पटाखे बना रही थी फैक्ट्री
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में फैक्ट्री के मालिकों ने विस्फोटक अधिनियम के तहत लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। हालांकि, तत्कालीन हारदा जिला कलेक्टर को पता चला कि भोपाल से लगभग 150 किमी दूर हारदा शहर के बाहरी इलाके में स्थित फैक्ट्री बिना आवश्यक लाइसेंस के पटाखे बनाने का काम कर रही है। परमिट में उसे केवल चीनी पटाखों और फुलझड़ियों को रखने और उनकी बिक्री की अनुमति थी। इसके बाद यह फैक्ट्री निशाने पर आ गई।
2018 में लाइसेंस हुआ था निलंबित, 2021 में हुआ विस्फोट
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नियमों के उल्लंघन के बावजूद 2017-18 तक फैक्ट्री ने अपना परिचालन जारी रखा। 2018 में तत्कालीन कलेक्टर ने फैक्ट्री का लाइसेंस निलंबित कर दिया, जो 6 महीने तक प्रभावी रहा। इसके बाद कलेक्टर का स्थानांतरण हो गया। इसके बाद 2018-19 में फैक्ट्री फिर शुरू हो गई। 2021 में हुए विस्फोट में 3 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने फैक्टरी मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया और यह अभी भी चल रहा है।
एक अन्य विस्फोट में भी फंसा था फैक्ट्री का मालिक
रिपोर्ट के अनुसार, 5 जुलाई 2015 को 27 वर्षीय शेख इकबाल और 21 वर्षीय राकेश नामक 2 व्यक्तियों की किराए के घर में हुए विस्फोट में मौत हो गई थी। इस घर में फैक्ट्री के मालिकों में से एक राजेश अग्रवाल ने विस्फोटकों का भंडारण किया था। हारदा कोर्ट ने राजेश को 2021 में 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी, लेकिन उसने अपील दायर की और जमानत पर बाहर आ गया।
2022 में लाइसेंस निलंबन के बाद फिर कैसे चालू हुआ परिचालन?
बार-बार नियमों की अनदेखी और विस्फोट के मामलों के बाद 26 सितंबर, 2022 को जिला अधिकारियों ने फैक्ट्री का निरीक्षण किया और फिर कलेक्टर ने इसके सभी लाइसेंस निलंबित कर दिए। निरीक्षण में अधिकारियों ने पाया कि फैक्ट्री में केवल 15 किलोग्राम विस्फोटक रखने की अनुमति थी, लेकिन अधिकारियों को 7.5 लाख पटाखे मिले। हालांकि, फैक्ट्री मालिक नर्मादपुरम के डिविजनल कमिश्नर के पास पहुंचे, जिन्होंने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी। तब से फैक्ट्री का संचालन जारी था।
फैक्ट्री के सभी मालिक गिरफ्तार, लग चुके हैं जिला प्रशासन को प्रभावित करने के आरोप
फैक्ट्री में 6 फरवरी को हुए विस्फोट के मामले में मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल समेत एक अन्य व्यक्ति रफीक खान को गिरफ्तार किया गया है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, अग्रवाल परिवार के प्रदेश की राजनीति में अच्छे संबंध हैं और इसका लाभ उठाते हुए उन्होंने 2017-18 में फैक्ट्री को फिर से खोलने के लिए हारदा जिला प्रशासन को प्रभावित करने के प्रयास किये थे। हालांकि, जिला प्रशासन ने राजनीतिक प्रभाव की बजाय सुरक्षा को ऊपर रखा था।
मुख्यमंत्री ने किया कार्रवाई का वादा, प्रधानमंत्री ने किया मुआवजे का ऐलान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घायलों से मुलाकात के बाद कहा, "मैंने सभी जिलों से ऐसे ही स्थानों की निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है। हम ऐसी कार्रवाई करेंगे, जो उन्हें याद रहेगी।" इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी त्रासदी के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर मुआवजे का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।।"