लुधियाना कोर्ट बम ब्लास्ट: मुख्य आरोपी गिरफ्तार, पाकिस्तान का हाथ आया सामने
क्या है खबर?
पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने लुधियाना कोर्ट बम ब्लास्ट केस सॉल्व कर लिया है। पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने शनिवार को धमाके के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान गुप्त रखी गई है।
जांच में धमाके में पाकिस्तान का हाथ भी सामने आया है और इसमें उपयोग हुई विस्फोटक सामग्री की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने पंजाब में तस्करी की थी।
पुलिस इससे पहले भी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मामला
क्या है लुधियाना कोर्ट बम ब्लास्ट का मामला?
पिछले साल 23 दिसंबर को लुधियाना के कोर्ट परिसर में जोरदार बम ब्लास्ट हुआ था। इस धमाके में एक शख्स की मौत हुई थी, जबकि छह लोग घायल हुए थे।
धमाके में मरने वाला एक आरोपी था और वह कोर्ट के वॉशरूम में बैठकर IED बम बना रहा था। इसी दौरान धमाका हो गया और उसकी मौत हो गई।
इस आरोपी की पहचान गगनदीप सिंह के तौर पर हुई थी जो पंजाब पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल रह चुका था।
अन्य आरोपी
20 मई को गिरफ्तार किए गए थे एक नाबालिग समेत पांच आरोपी
20 मई को STF ने मामले में एक नाबालिग समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। उनकी पहचान सुरमुख सिंह, हरप्रीत सिंह, दिलबाग सिंह और सविंदर सिंह के तौर पर हुई थी।
जांच के अनुसार, नाबालिग ने फोन कॉल करने के लिए खालिस्तानी साजिशकर्ताओं को इंटरनेट के जरिए इंटरनेशनल नंबर प्रदान किए थे।
धमाके में उपयोग हुआ IED पाकिस्तान से आया था और इसे धमाके से दो दिन पहले दिलबाग ने प्राप्त किया था।
भूमिका
ऐसे एक आरोपी से दूसरे आरोपी के पास पहुंचा IED
पुलिस की जांच के अनुसार, दिलबाग ने IED को सुरमुख सिंह को धमाया जिसने इसे गगनदीप सिंह को दिया। गगनदीप इसे कोर्ट में लगा रहा था और इसी दौरान हुए धमाके में हव मारा गया।
दिलबाग और सविंदर का आपराधिक इतिहास है और ड्रग्स की तस्करी के लिए उनके खिलाफ केस दर्ज है। सुरमुख का भी आपराधिक इतिहास है और जनवरी में एक अन्य IED मिलने के मामले में वह जेल में बंद है।
अन्य आरोपी
धमाके के आरोपियों में सिख फॉर जस्टिस का आतंकी भी शामिल
पुलिस ने मामले में जर्मनी में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादी जसविंदर सिंह मुल्तानी के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। मुल्तानी प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का सदस्य है।
SFL एक खालिस्तानी संगठन है जो सिखों के लिए अलग देश की मांग करता है। इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क में है और ये कनाडा में सबसे अधिक सक्रिय है। भारत में उस पर किसान आंदोलन के बहाने खालिस्तानी विचारों और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।