ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता क्यों ली, क्या भारत प्रत्यर्पण अब और मुश्किल हो जाएगा?
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व उपाध्यक्ष और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के संस्थापक ललित मोदी ने वानुअतु देश की नागरिकता प्राप्त कर ली है।
उन्होंने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर करने के लिए भी आवेदन किया है। विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है।
ललित को जिस वानुअतु की नागरिकता मिली है, वो प्रशांत महासागर के द्वीप में बसा छोटा सा देश है।
आइए वानुअतु के बारे में जानते हैं।
द्वीप
दर्जनों द्वीपों से मिलकर बना है वानुअतु देश
वानुअतु ऑस्ट्रेलिया के पूर्व और न्यूजीलैंड के उत्तर में स्थित है। ये 83 छोटे-छोटे द्वीपों से मिलकर बना है, जिसमें से केवल 65 पर ही लोग रहते हैं।
इसके उत्तर और दक्षिण के बीच के द्वीपों की दूरी करीब 1,300 किलोमीटर है।
यहां के सबसे बड़ा द्वीप एस्पिरिटु सैंटो है, जिसका क्षेत्रफल 3,955 वर्ग किलोमीटर है, जो कुल देश का करीब 32 प्रतिशत है।
यहां की राजधानी इफेट द्वीप पर स्थित शहर पोर्ट विला है।
आबादी
केवल 3 लाख है आबादी
2020 में की गई जनगणना के मुताबिक, वानुअतु की जनसंख्या 3,00,019 है। यहां करीब 93 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं।
बिस्लामा यहां की राष्ट्रीय भाषा है, जबकि फ्रेंच और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं हैं।
1906 में फ्रांस और ब्रिटेन ने यहां पर संयुक्त रूस से शासन करना शुरू किया, जो 1980 तक चला। तब इसे न्यू हेब्राइड्स कहा जाता था।
1980 में आजादी के बाद वानुअतु नाम मिला।
नागरिकता
कैसे मिलती है वानुअतु की नागरिकता?
दूसरे कई देशों की तरह वानुअतु भी अपनी नागरिकता बेचता है। आप 1.18 करोड़ रुपये देकर यहां की नागरिकता पा सकते हैं।
खास बात है कि यहां इनकम टैक्स समेत दूसरे कई टैक्स नहीं लगते हैंं। इस वजह से बीते कुछ सालों में वानुअतु टैक्स हेवन के तौर पर उभरा है।
आप दूसरे किसी देश में रहते हुए भी वानुअतु की नागरिकता ले सकते हैं। यहां के पासपोर्ट से आप 55 देशों में बिना वीजा यात्रा भी कर सकते हैं।
दिन
भारत से भी ज्यादा ताकतवर है वानुअतु का पासपोर्ट
निवेश प्रवासन फर्म ग्लोबल रेसिडेंस इंडेक्स के अनुसार, निवेश कर वानुअतु की नागरिकता लेना सबसे तेज और सबसे सरल तरीका है।
इसके लिए बहुत कम दस्तावेजों की जरूरत होती है और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से प्रदान किए जा सकते हैं। यानी आपको नागरिकता लेने के लिए वहां जाना नहीं होता है।
नागरिकता आवेदन की प्रक्रिया में केवल 30 से 60 दिन लगते हैं।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के मुताबिक, यहां का पासपोर्ट भारत से भी ज्यादा ताकतवर है।
प्रत्यर्पण
क्या अब ललित का प्रत्यर्पण और मुश्किल हो जाएगा?
भारत सालों से ललित के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है, लेकिन वानुअतु की नागरिकता मिलने के बाद इसमें और परेशानियां आ सकती हैं, क्योंकि वानुअतु की सरकार की भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
दरअसल, प्रत्यर्पण संधि 2 या 2 से अधिक देशों के बीच एक समझौता होता है, जिसमें दोनों देश किसी अपराधी को एक-दूसरे को सौंपने के लिए तैयार होते हैं। यह एक अपराधी को दूसरे देश भागने से भी रोकता है।
आरोप
ललित मोदी पर क्या आरोप हैं?
2008 में IPL की शुरुआत हुई थी। इसके 2 साल बाद तक ललित IPL कमिश्नर रहे।
2010 IPL फाइनल के तुरंत बाद ललित मोदी को 2 नई फ्रेंचाइजी- पुणे और कोच्चि के लिए बिडिंग में गड़बड़ी, अनुशासनहीनता और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में BCCI से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद ललित ने देश छोड़ दिया था।
हालांकि, ललित का कहना है कि उनके खिलाफ किसी भी अदालत में कोई आरोप पत्र या शिकायत नहीं दायर की गई है।