पंजाब: मुख्यमंत्री के गांव में हुई रैली में पहुंचा लाल किले पर हुई हिंसा का आरोपी
क्या है खबर?
ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में आरोपी लक्खा सिधाना मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पैतृक गांव मेहराज में हुई एक किसान रैली में दिखा।
बीते दिन वीडियो जारी कर इस रैली में आने की बात कहने वाले सिधाना आज सीधे मंच पर पहुंच गए और यहां से लोगों को संबोधित भी किया।
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस किसी को गिरफ्तार करने पंजाब आती है तो ग्रामीण उनका घेराव करेंगे।
रैली
लक्खा सिधाना ने खुद बुलाई थी रैली
मेहराज गांव में हुई इस रैली को खुद लक्खा सिधाना ने बुलाया था और लोगों से बड़ी संख्या में इसमें आने को कहा था।
फेसबुक पर वीडियो डालते हुए उन्होंने कहा था, "23 फरवरी को बठिंडा के मेहराज में प्रदर्शन रखा गया है। इसमें लाखों की संख्या में आएं।"
किसान आंदोलन के प्रति समर्थन व्यक्त करने और पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई की मांग करने के लिए ये रैली बुलाई गई थी।
जानकारी
सिधाना के रैली में आने को लेकर थी शंका
हालांकि सिधाना के इस ऐलान के बावजूद उनके इस रैली में आने को लेकर शंका व्यक्त की जा रही थी, खासकर यह देखते हुए कि उनके ऊपर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम रखा हुआ है। रैली में पुलिस भी मौजूद है।
परिचय
कौन है लक्खा सिधाना?
पंजाब के बठिंडा का रहने वाला लक्खा सिधाना अपराधी से समाजसेवी बना है और उसके ऊपर जमीन हड़पने और हत्या समेत कम से कम 10 आपराधिक मामले चल रहे हैं।
वह किसान आंदोलन में शुरू से सक्रिय रहा है और उस पर 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा की साजिश रचने का आरोप है।
आरोपों के अनुसार, उसी ने प्रदर्शनकारियों को हिंसा करने के लिए उकसाया था।
सफाई
किसान संगठनों ने खुद को कर लिया था सिधाना से अलग
पूरे मामले में किसान संगठनों ने भी खुद को लक्खा सिधाना और एक अन्य आरोपी दीप सिद्धू से अलग कर लिया था और उन पर सरकार के इशारे पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
पंजाबी गायक और अभिनेता दीप सिद्धू को पहले ही मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है और सिधाना ने फेसबुक पर वीडियो जारी करते हुए सिद्धू की गिरफ्तारी पर चिंता जताई थी।
मामला
क्या है ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा का पूरा मामला?
दो महीने से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे किसान आंदोलन में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान अचानक से हिंसा हो गई थी और किसानों का एक धड़ा तय रास्ते से हटकर ITO होते हुए लाल किले पहुंच गया।
इस दौरान उनकी ITO और लाल किले समेत अन्य कई जगहों पर पुलिस के साथ जबरदस्त भिडंत हुई और उन्होंने कई बसों और वाहनों को निशाना बनाया। कुछ किसानों ने लाल किले पर सिख धर्म का झंडा भी फहराया।