बदायूं गैंगरेप और हत्याकांड का मुख्य आरोपी मंदिर का पुजारी गिरफ्तार
बदायूं गैंगरेप और हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हो गई है। स्थानीय मंदिर में पुजारी 50 वर्षीय महंत सत्यानंद पास के एक गांव में छिपा हुआ था। 50,000 रुपये के ईनामी पुजारी को गुरुवार को पुलिस ने ग्रामीँणों की मदद से गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार रात लगभग 10 बजे आरोपी की गिफ्तारी हुई, जिसके बाद बाइक पर बैठाकर उसे थाने ले जाया गया। मामले में दो अन्य आरोपियों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है।
क्या हैं गैंगरेप और हत्याकांड का मामला?
उत्तर प्रदेश के बदायूं के उघैती में 3 जनवरी को 50 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। पीड़िता पूजा करने के लिए गांव में बने मंदिर गई थी। आरोप है कि इस दौरान वहां मौजूद महंत सत्यनारायण, उनका चेला वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने महिला के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद हत्या कर शव को पीड़िता के घर के सामने फेंककर फरार हो गए। उसके बाद से मुख्य आरोपी की तलाश जारी थी।
मंदिर में बने कमरे में रहता था पुजारी
मामले के दो अन्य आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि मुख्य आरोपी महंत लगभग पांच पहले गांव आया था और मंदिर में बने एक कमरे में रहता था।
गैंगरेप और हत्या का मामला मानकर चल रही पुलिस
मामले की जानकारी देते हुए बदायूं के SSP संकल्प शर्मा ने कहा, "गिरफ्तार किए गए दो लोगों का कहना है कि महिला उन्हें घायल अवस्था में मिली थी और वो उसकी मदद के लिए आगे आए थे। मैं वारदात की जगह का दौरा किया था। सबूतों के आधार पर हम इसे गैंगरेप और हत्या का मामला मान रहे हैं।" हालांकि, पीड़ित महिला के परिवार ने आरोपियों के मदद करने के बयान को खारिज कर दिया है।
पीड़िता के परिवार ने खारिज किया आरोपियों की मदद का बयान
महिला के दामाद ने कहा कि अगर वो मदद करना चाहते थे तो उन्हें ग्रामीणों को बुलाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वो महिला को मरा छोड़कर जाना चाहते थे। यकीन नहीं हो रहा कि मंदिर में भी ऐसी घटनाएं हो सकती हैं।
महिला आयोग की सदस्य ने दिया हैरान करने वाला बयान
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या चंद्रमुखी देवी गुरुवार को मृतका के परिवार से मिलने के लिए बदायूं आई थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि महिला को हमेशा समय का ध्यान रखते हुए देर शाम को घर से नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है यदि मृतका देर शाम को अकेले घर से बाहर नहीं जाती या फिर परिवार के सदस्य के साथ जाती तो घटना को टाला जा सकता था।" विवाद बढ़ने पर उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया।