बदायूं गैंगरेप मामला: महिला को शाम को बाहर नहीं जाना चाहिए था- NCW की सदस्य
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में गत रविवार को एक अधेड़ महिला की गैंगरेप के बाद हत्या किए जाने को लेकर लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है। इसी बीच मामले में गुरुवार को मृतका के परिजनों से मिलने पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की सदस्य ने विवादित बयान दे दिया। परिजनों से मिलने के बाद NCW सदस्य ने कहा कि यदि महिला शाम को अकेले घर से बाहर नहीं जाती तो शायद इस विभत्स घटना को टाला जा सकता था।
3 जनवरी को गैंगरेप के बाद हुई थी महिला की हत्या
रिपोर्ट्स के अनुसार, 3 जनवरी की शाम को 50 वर्षीय महिला पूजा-अर्चना के लिए मंदिर गई थी। उस दौरान वहां मौजूद महंत सत्यनारायण, उनका चेला वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने महिला के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद हत्या कर शव को पीड़िता के घर के सामने फेंककर फरार हो गए। परिजनों ने जब इसकी जानकारी दी तो पुलिस ने महिला की कुएं में गिरने से मौत होने की बात कहकर गैंगरेप की घटना को झुठला दिया।
आरोपियों ने महिला के साथ पार की हैवानियत की सभी हद
इस घटना में आरोपियों ने हैवानियत की हदें पार कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि आरोपियों ने महिला के निजी अंगों में लोहे की रॉड जैसी चीज डालने की कोशिश की थी। पीड़िता के फेफड़ों पर चोट लगी थी। साथ ही उसकी कई पसलियां और टांग भी टूटी हुई थी। डॉक्टरों ने पाया कि पीड़िता का बहुत खून बहा था और उसके निजी अंगों पर गंभीर चोटें आई हुई थी। उसे किसी भारी चीज से मारा गया था।
पुलिस ने तूल पकड़ने के बाद दर्ज किया मामला
घटना में पहले पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन मामला तूल पकड़ने लगा तो पुलिस ने महंत समेत तीन लोगों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज कर लिया। मामले में बदायूं SSP संकल्प शर्मा ने थानाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया।
मृतका के परिवार से मिलने बदायूं पहुंची NCW सदस्य
मामले में NCW सदस्य चंद्रमुखी देवी गुरुवार को मृतका के परिवार से बदायूं पहुंची। परिवार वालों से मिलने के बाद उन्होंने कहा, "भले ही मृतका किसी के दबाव में थी, लेकिन एक महिला को हमेशा समय का ध्यान रखते हुए देर शाम को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "मुझे लगता है यदि मृतका देर शाम को अकेले घर से बाहर नहीं जाती या फिर परिवार के सदस्य के साथ जाती तो घटना को टाला जा सकता था।"
सुनिए चंद्रमुखी ने क्या कहा
NCW सदस्य ने पुलिस को भी ठहराया जिम्मेदार
चंद्रमुखी ने SSP के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने कहा कि पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही रही है। यदि पुलिस चाहती तो घटना व महिला की जान बच सकती थी। उघेती की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और हम पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस घटना को हादसा दिखाने के लिए 48 घंटों तक लीपापोती करती रही। बता दें, मामला बढ़ता देख चंद्रमुखी ने अपना बयान वापिस ले लिया है।
मैं अपने शब्द वापिस लेती हूं- चंद्रमुखी
NCW अध्यक्ष ने सदस्य के बयान पर दी प्रतिक्रिया
मामले में NCW अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, "मैं नहीं जानती सदस्य ने यह बयान कैसे और क्यों दिया, लेकिन महिलाओं को अपनी इच्छा से जहां चाहे और जब चाहे जाने का अधिकार है। जगहों को सुरक्षित बनाना समाज और राज्य का कर्तव्य है।"
NCW ने की थी पुलिस महानिदेशक से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग
बता दें कि मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आने के बाद NCW अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि महिला आयोग की एक सदस्य पीड़ित परिवार के सदस्यों और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करेंगी और पूरे प्रकरण की जांच करेगी। इसके अलावा उन्होंने पुलिस से इस मामले में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है।
दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस
बता दें कि इस मामले में पुलिस ने बुधवार शाम को ताबड़तोड़ दबिश देकर आरोपी वेदराम और यशपाल को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी पुजारी सत्यनारायण अभी फरार है। SSP ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 25,000 का इनमा घोषित किया है।