
सौम्या रेप-हत्या मामले में उम्रकैद का दोषी गोविंदाचामी केरल की जेल से फरार, पुलिस ने दबोचा
क्या है खबर?
केरल में 23 वर्षीय युवती के रेप और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा दोषी गोविंदाचामी उर्फ चार्ली थॉमस कड़ी सुरक्षा को ठेंगा दिखाते हुए कन्नूर केंद्रीय जेल से भाग निकला। गोविंदाचामी का एक हाथ नहीं है, ऐसे में उसके भागने से जेल सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। अपराधी के भागने की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में पुलिस अलर्ट हो गई और उसे कुछ ही घंटों के भीतर पकड़ लिया गया।
जांच
कहां से पकड़ा गया अपराधी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गोविंदाचामी शुक्रवार सुबह फरार हुआ था। बायां हाथ न होने के कारण दोषी को कन्नूर शहर की सीमा के भीतर थलाप स्थित एक खंडहर इमारत के पास से पकड़ लिया गया। पुलिस महानिदेशक (जेल) बलराम कुमार उपाध्याय ने बताया कि गोविंदाचामी को हिरासत में ले लिया गया है, उसके भागने के कारणों की जांच की जाएगी। सुबह तड़के कोठरी की नियमित जांच के दौरान उसके भागने का पता चला था, जिसके बाद पुलिस अलर्ट हुई।
जांच
कैसे कूद गया 7.5 मीटर ऊंची जेल की दीवार
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, गोविंदचामी ब्लॉक-10 में बंद था। वह कई दिनों तक इसकी योजना बना रहा था और आरी जैसी कोई चीज इस्तेमाल कर सेल की मोटी सलाखें काट डाली थी। इसके बाद उसने जेल की करीब 7.5 मीटर ऊंची दीवार फांदी, जिस पर बिजली के तार लगे थे। कन्नूर जेल में 1,000 से ज्यादा कैदी हैं और यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। ऐसे में एक हाथ के गोविंदाचामी के भागने से पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।
ट्विटर पोस्ट
पकड़ा गया गोविंदाचामी
VIDEO | Kannur, Kerala: Govindachamy, a convict serving a life sentence in the sensational 2011 Soumya murder case, who escaped from the high-security Kannur Central Jail on Friday morning was nabbed by police several hours later.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 25, 2025
The convict, who does not have a left hand, was… pic.twitter.com/iiB8v0EJIG
हत्याकांड
क्या है सौम्या रेप और हत्या का मामला?
पलक्कड़ के शोरनुर की 23 वर्षीय सौम्या कोच्चि की एक निजी कंपनी में कार्यरत थी। वह 1 फरवरी, 2011 को एर्नाकुलम से शोरनुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में अकेले यात्रा कर रही थीं। तभी गोविंदाचामी ने उसे अकेला पाकर रेप किया। ट्रेन से गिरने के कारण 6 फरवरी को त्रिशूर मेडिकल कॉलेज में उसकी मौत हो गई। मामले में गोविंदाचामी को फांसी मिली थी, लेकिन हत्या साबित न होने पर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने उसे उम्रकैद में बदल दिया।