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कर्नाटक हाई कोर्ट ने RSS को दी चित्तपुर में पथ संचलन निकालने की अनुमति
कर्नाटक हाई कोर्ट ने RSS को दी चित्तपुर में पथ संचलन निकालने की अनुमति

कर्नाटक हाई कोर्ट ने RSS को दी चित्तपुर में पथ संचलन निकालने की अनुमति

Oct 19, 2025
01:57 pm

क्या है खबर?

कर्नाटक हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को 2 नवंबर को चित्तपुर में अपना पथ संचलन निकालने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय RSS कलबुर्गी के संयोजक अशोक पाटिल की उस याचिका पर आया है जिसमें उन्होंने इस आयोजन की अनुमति देने में अधिकारियों की निष्क्रियता को चुनौती दी थी। जस्टिस एमजीएस कमल ने राज्य सरकार से सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए पथ संचालन के लिए व्यवस्था करने की योजना की जानकारी भी मांगी है।

इनकार

चित्तपुर प्रशासन ने कर दिया था अनुमति देने से इनकार 

चित्तपुर जिला प्रशासन ने पहले कानून-व्यवस्था की संभावित समस्या का हवाला देते हुए पथ संचालन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। ऐसा भीम आर्मी और भारतीय दलित पैंथर द्वारा एक ही समय और स्थान पर रैलियों आयोजित करने के कारण हुआ था। हालांकि, पाटिल के वकील ने तर्क दिया कि अधिकारियों द्वारा उठाए गए सवालों का संतोषजनक उत्तर दिया गया था। राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किए गए थे।

सहमति

पाटिल ने 2 नवंबर को पथ संचलन निकालने पर जताई सहमति

सुनवाई के दौरान पाटिल ने रविवार के बजाय 2 नवंबर को कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमति जताई है। हाई कोर्ट ने उन्हें कलबुर्गी के उपायुक्त को सभी आवश्यक विवरणों के साथ एक नया आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह चित्तपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों को नए आवेदन पर विचार करने और 24 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है।

चेतावनी

पुलिस रिपोर्ट में मिली संभावित झड़पों की चेतावनी

एक पुलिस रिपोर्ट में पहले ही चेतावनी दी गई थी कि एक साथ होने वाली रैलियों से झड़पें हो सकती हैं और सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है। रिपोर्ट में उस घटना का भी ज़िक्र था जिसमें एक RSS कार्यकर्ता ने कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे को कथित तौर पर गाली दी और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। चित्तपुर में बिना अनुमति के RSS के कार्यक्रम के लिए भगवा झंडे लगाए जाने के बाद से तनाव व्याप्त था।

रुख

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया सरकार का रुख

राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर निजी संगठनों के लिए सरकारी संपत्ति के इस्तेमाल के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार इस आदेश के जरिए RSS को निशाना नहीं बना रही है। उन्होंने कहा, "हमने जो किया है वह यह है कि सभी संगठनों को अनुमति लेनी होगी। यह नियम भाजपा के कार्यकाल में बनाया गया था और उन्होंने उस समय इसका विरोध क्यों नहीं किया।"

स्वागत

भाजपा अध्यक्ष ने किया हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि फैसले ने संविधान को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने RSS के कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की, उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा और इसे उन लोगों के लिए एक सबक बताया जो संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने का दावा करते हैं। इससे पहले, उन्होंने कांग्रेस के कार्यों की तुलना किम जोंग की तानाशाही से की थी।