कावेरी जल विवाद के चलते कर्नाटक बंद, बेंगलुरु में 44 उड़ानें रद्द
क्या है खबर?
कावेरी जल विवाद दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। बेंगलुरु बंद के 2 दिन बाद आज शुक्रवार को कन्नड़ संगठन कर्नाटक में राज्यव्यापी बंद आयोजित कर रहे हैं।
इसका ऐलान कन्नड़ कार्यकर्ता वतल नागराज के नेतृत्व वाले कन्नड़ ओक्कुटा संगठन ने किया था।
कर्नाटक पुलिस ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों से विभिन्न संगठनों के 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
इससे पहले 26 सितंबर को बेंगलुरु बंद था और शहर में धारा 144 लागू की गई थी।
कर्नाटक
पूरे कर्नाटक में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी
बंद का ऐलान करने वाले संगठनों के सदस्य और समर्थक बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क, अतिबेले और हुबली सहित राज्य के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
संगठनों ने टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक व्यापक जुलूस निकाला। इस जुलूस में सभी क्षेत्रों के लोगों और विभिन्न संगठनों ने भाग लिया।
संगठनों के लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगह पर प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं।
सुरक्षा
राज्य में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राज्यभर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं।
बेंगलुरु ग्रामीण जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बालादंडी ने कहा, "हमने उचित व्यवस्था की है क्योंकि कई कन्नड़ संगठनों ने बंद का आह्वान किया है। संगठनों के 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हमारे पास पर्याप्त कर्मचारी हैं और हम सुनिश्चित करेंगे कि कुछ भी गलत न हो।"
संगठन
1900 से अधिक संगठन बंद के समर्थन में, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
1,900 से अधिक संगठ बंद का समर्थन कर रहे हैं। बेंगलुरु सहित पूरे राज्य में किराने की दुकानें और अन्य गैर-जरूरी दुकानें बंद रहने की संभावना है।
ये बंद आज सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चलेगा।
चिक्कमंगलूर में प्रदर्शनकारियों ने बाइक से पेट्रोल पंपों में घुसकर विरोध-प्रदर्शन किया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का पुतला भी फूंका।
बंद
क्या रहेगा बंद और क्या रहेगा चालू?
ऑटोरिक्शा ड्राइवर्स यूनियन और ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन (OUDOA) बंद का समर्थन कर रहे हैं।
ब्रुहत बेंगलुरु होटल एसोसिएशनऔर कर्नाटक स्टेट प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सहित अन्य ने भी अपने समर्थन की घोषणा की है।
बेंगलुरु और मांड्या जिला प्रशासन ने शहर के सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी की घोषणा कर दी है।
हालांकि, सरकारी परिवहन निगमों की सेवाएं जारी रहेंगी।
इसके अलावा अस्पताल, फार्मेसी, एम्बुलेंस सेवाएं और मेट्रो सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहेंगी।
यात्रा
बेंगलुरु आने-जाने वाली 44 फ्लाइट रद्द
बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार सुबह आने-जाने वाली 44 उड़ानें रद्द कर दी गईं। इनमें 22 फ्लाइट आने वाली और 22 जाने वाली थीं।
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि ये उड़ानें रद्द होने के बाद कई यात्रियों की टिकटें रद्द कर दी गईं।
कर्नाटक पुलिस ने बंद समर्थकों को चेतावनी जारी कर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया और नुकसान की भरपाई आयोजकों से करवाने की बात कही।
मांड्या
मांड्या जिले में लगाई गई धारा 144
मांड्या जिले में प्रदर्शन को देखते हुए धारा 144 लागू की गई है। इसके अलावा मैसूर, कोडागु, चामराजनगर और रामानगर समेत अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
दरअसल, तमिलनाडु को कावेरी का जल छोड़े जाने के खिलाफ मांड्या में पिछले 15 दिनों से कुछ कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे हैं।
इन कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार तमिलनाडु के प्रति नरम रुख अपना रही है और उसे मामले से निपटने के लिए सही तरीका अपनाना चाहिए।
कर्नाटक
कर्नाटक के मुख्यमंत्री करेंगे बैठक, तमिलनाडु ने भाजपा पर मढ़ा दोष
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री डीके शिवकुमार आज कावेरी जल बंटवारे मुद्दे पर बैठक करेंगे।
दूसरी तरफ कावेरी जल विवाद में तमिलनाडु में सत्तारूढ़ DMK के नेता टीकेएस एलंगोवन ने अपने बयान में भाजपा को दोषी ठहराते हुए कहा, "कर्नाटक के भाजपा नेता कर्नाटक सरकार को पानी न छोड़ने के लिए उकसा रहे हैं और स्थानीय राजनीति के कारण सत्तारूढ़ दल भी इसके लिए राजी हो रहा है। कावेरी कर्नाटक की संपत्ति नहीं है।"
विवाद
क्या है कावेरी विवाद?
तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच दशकों से कावेरी नदी के पानी को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
ताजा विवाद में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) ने कर्नाटक सरकार से 13 सितंबर से 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी देने के लिए कहा था।
इसके खिलाफ कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
इसके बावजूद कर्नाटक सरकार अपने तर्क पर कायम है कि वो अधिक पानी नहीं छोड़ेगी।