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न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के महाभियोग में खामी? सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा-राज्यसभा को नोटिस जारी किया
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के महाभियोग में खामी? सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा-राज्यसभा को नोटिस जारी किया

लेखन गजेंद्र
Dec 16, 2025
03:23 pm

क्या है खबर?

दिल्ली स्थित सरकारी आवास से बेहिसाब नकदी मिलने के मामले में फंसे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग में बड़ा पेंच फंस गया है। न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर लोकसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति वर्मा ने याचिका में प्रक्रियात्मक आधार पर लोकसभा अध्यक्ष के उस फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उनके महाभियोग के लिए न्यायाधीश (जांच) अधिनियम के तहत 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

याचिका

न्यायमूर्ति वर्मा ने याचिका में क्या कहा?

बार एंड बेंच के मुताबिक, न्यायाधीश वर्मा ने याचिका में तर्क दिया कि उनके महाभियोग नोटिस लोकसभा-राज्यसभा दोनों में थे, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राज्यसभा अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने और उस कानून में परिकल्पित अध्यक्ष के साथ संयुक्त परामर्श की प्रतीक्षा किए बिना एकतरफा समिति का गठन किया है। याचिका में इसे कानून का स्पष्ट उल्लंघन बताते हुए कहा कि उसी दिन राज्यसभा में अलग प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे स्वीकार नहीं किया गया था।

सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने सुनवाई के दौरान संसद के अध्यक्ष के साथ संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) और निचले सदन के सचिवालयों को नोटिस जारी किया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट न्यायाधीश के तर्क से सहमत प्रतीत हुआ। उसने पूछा कि संसद में मौजूद कानूनी विशेषज्ञों ने इसे होने कैसे दिया। कोर्ट ने कहा, "इतने सारे सांसद और कानूनी विशेषज्ञ मौजूद थे, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिलाया?"

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समिति

अगस्त में लोकसभा अध्यक्ष ने स्वीकार किया था महाभियोग प्रस्ताव

लोकसभा अध्यक्ष ने अगस्त में न्यायमूर्ति वर्मा मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर उनको न्यायाधीश के पद से हटाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 3 न्यायाधीशों की आंतरिक जांच में न्यायाधीश दोषी पाए गए थे और उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद केंद्र ने संसद में न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया और 146 सांसदों के हस्ताक्षर वाले प्रस्ताव को अध्यक्ष ने स्वीकार लिया।

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जानकारी

तीन सदस्यीय समिति में कौन?

लोकसभा अध्यक्ष ने न्यायाधीश (जांच) अधिनियम के अनुसार, घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और वरिष्ठ अधिवक्ता बी वासुदेव आचार्य के नेतृत्व में 3 सदस्यीय समिति गठित की है।

मामला

क्या है नकदी मिलने का मामला?

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश रहते न्यायमूर्ति वर्मा के सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च आग लगी थी। वर्मा की अनुपस्थिति में उनके परिवार ने अग्निशमन-पुलिस को बुलाया। आग बुझाने के बाद टीम को घर से भारी मात्रा में नकदी मिली। इसकी जानकारी तत्कालीन CJI संजीव खन्ना को हुई तो उन्होंने कॉलेजियम बैठक बुलाकर न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच समिति गठित की, जिसने न्यायमूर्ति वर्मा को दोषी ठहराया।

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