सिद्दीकी कप्पन 28 महीने बाद उत्तर प्रदेश की जेल से रिहा, बोले- लड़ाई रहेगी जारी
उत्तर प्रदेश की जेल में दो साल से ज्यादा समय से बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को आखिरकार गुरुवार को रिहाई मिल गई। उन्हें हाथरस में एक दलित लड़की से गैंगरेप मामले की रिपोर्टिंग करने के लिए जाते समय गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बीते बुधवार को लखनऊ की सत्र अदालत ने सिद्दीकी की रिहाई के आदेश पर हस्ताक्षर किये थे।
क्या था मामला?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 20 वर्षीय दलित लड़की के गैंगरेप की घटना के बाद से देशभर में आक्रोश था। इस मामले की रिपोर्टिंग के लिए अक्टूबर, 2020 को हाथरस पहुंचे सिद्दीकी कप्पन और तीन अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की भी निंदा हुई थी। जिला प्रशासन ने आनन-फानन में दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।
सिद्दीकी पर UAPA और मनी लॉन्ड्रिंग के दर्ज किया गया था मुकदमा
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सिद्दीकी पर आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत देशद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद फरवरी, 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सिद्दीकी के खिलाफ कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से फंडिंग के आरोप में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। उन्हें UAPA मामले में सितंबर में और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिसंबर में जमानत मिल गई थी।
जेल से रिहा होने के बाद सिद्दीकी ने क्या कहा?
जेल रिहा होने के बाद सिद्दीकी ने कहा, "मैं कठोर कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा। जमानत मिलने के बाद भी उन्होंने मुझे जेल में रखा। मुझे नहीं पता कि मेरे जेल में होने से किसे फायदा हो रहा है।" बीते बुधवार को 28 महीने की लंबी लड़ाई के बाद सिद्दीकी को अपनी रिहाई की उम्मीद थी, लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की विशेष अदालत के जज की व्यस्तता के चलते इस मामले की सुनवाई नहीं हो पाई थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था जमानत का विरोध
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सिद्दीकी की जमानत का विरोध किया था। सरकार ने कहा था कि कप्पन के चरमपंथी संगठन PFI के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। इसके अलावा कप्पन देश में धार्मिक कलह और आतंक फैलाने की साजिश का भी हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सिद्दीकी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए उससे जवाब मांगा था।