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क्या बहाल होगा जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा? 5वीं वर्षगांठ के पहले NDA सरकार में दिखी हचलच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से 3 अगस्त को मुलाकात की थी (तस्वीर: एक्स/@rashtrapatibhvn)

क्या बहाल होगा जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा? 5वीं वर्षगांठ के पहले NDA सरकार में दिखी हचलच

लेखन गजेंद्र
Aug 04, 2025
07:24 pm

क्या है खबर?

आज से 5 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर 2 केंद्र शासित प्रदेश बनाए थे। कल, मंगलवार को इसकी 5वीं वर्षगांठ है। इस बीच मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ अलग-अलग बैठक हुई है और मोदी ने मंगलवार को NDA संसदीय दल की बैठक बुलाई है। इससे कयासों को बल मिल रहा है कि कुछ बड़ा होने वाला है।

बैठक

चल रहा है बैठक का सिलसिला

रविवार 3 अगस्त को मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की। हालांकि, इसका विवरण नहीं दिया गया, जबकि औपचारिक तौर इसका सरकारी बयान जारी होता है। इसके कुछ घंटों बाद शाह भी राष्ट्रपति से मिले, जिससे कयासों को बल मिला। इससे कुछ दिन पहले शाह जम्मू-कश्मीर के भाजपा प्रमुख सत शर्मा और लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता से मिल चुके थे। सोमवार को ऑल जम्मू-कश्मीर शिया एसोसिएशन के अध्यक्ष इमरान रजा अंसारी भी शाह से मिलने पहुंचे थे।

कयास

सोशल मीडिया पर भी शुरू हुई चर्चा

पूर्व सैन्य अधिकारी कंवलजीत सिंह ढिल्लो जिनको रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फॉलो करते हैं, उन्होंने सोमवार को एक्स पर लिखा कि 5 अगस्त को क्या घोषणा हो सकती है, इस बारे में काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। उन्होंने पहलगाम हमले का हवाला देते हुए कहा कि स्थिति अभी नाजुक है, इसलिए जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। भू-राजनीतिक विश्लेषक आरती टिक्कू सिंह ने भी लिखा कि अफवाह है कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दे सकती है।

जानकारी

जम्मू-कश्मीर कैबिनेट पास कर चुकी है प्रस्ताव

अक्टूबर 2024 में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दे दी। इससे मुद्दे को बल मिला।

आश्वासन

मोदी और शाह दे चुके हैं कई बार आश्वासन

दिसंबर 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने का निर्देश दिया था और चुनाव कराने को कहा था। केंद्र ने आदेश मानते हुए विधानसभा चुनाव तो करवा दिए, लेकिन अभी तक राज्य का दर्जा देने के मामले में कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि, मोदी और शाह कई मौकों पर बिना समय बताए राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दे चुके हैं।

चुनाव

क्या नए सिरे से होंगे चुनाव?

कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाता है तो दोबारा से विधानसभा चुनाव होंगे, क्योंकि पिछला चुनाव केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर हुआ था। इसको लेकर मुख्यमंत्री अब्दुल्ला साफ कह चुके हैं कि अगर विधानसभा भंग कर दी जाए और राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद नए चुनाव कराए जाएं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने मानसून सत्र के बाद इस मुद्दे को उठाने की बात कही है।

जानकारी

5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्य बनाया गया था

5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के अलावा, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत जम्मू-कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। इससे जम्मू-कश्मीर विधानमंडल को भंग कर प्रशासन केंद्र के नियंत्रण में भी रखा गया।