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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बरामद किया 2,900 किलो विस्फोटक, जैश मोड्यूल के 7 आतंकी गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 2,900 किलोग्राम विस्फोटक के साथ जैश-ए-मोहम्मद मोड्यूल के 7 आतंकियों को गिरफ्तार किया है

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बरामद किया 2,900 किलो विस्फोटक, जैश मोड्यूल के 7 आतंकी गिरफ्तार

Nov 10, 2025
03:45 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद पुलिस के साथ आतंकवाद निरोधक कार्रवाई के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है, जो आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGUH) से जुड़ा हुआ है। इस अभियान में 2 डॉक्टरों समेत 7 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है और कई राज्यों में तलाशी अभियान चलाकर 2,900 किलोग्राम विस्फोटक समेत बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं।

बरामदगी

अभियान के तहत पुलिस ने क्या-क्या बरामद किया?

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान में एक चीनी स्टार पिस्तौल, गोला-बारूद समेत एक बेरेटा पिस्तौल, गोला-बारूद सहित एक AK-56 राइफल, गोला-बारूद समेत एक AK क्रिनकोव राइफल, 2,900 किलोग्राम IED बनाने की सामग्री, जिसमें विस्फोटक, रसायन, अभिकर्मक, ज्वलनशील पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, बैटरी, तार, रिमोट कंट्रोल, टाइमर और धातु की चादरें शामिल हैं। इस बरामदगी में फरीदाबाद के धौज गांव में एक क्लिनिक से बरामद 350 किलो RDX, एक राइफल समेत अन्य सामग्री भी शामिल है।

गिरफ्तारी

पुलिस ने इन आतंकियों को किया गिरफ्तार

पुलिस सूत्रों ने बताया कि नेटवर्क से जुड़े और लोगों की पहचान कर ली गई है तथा उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं। अब तक 2 डॉक्टरों समेत 7 आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें श्रीनगर के नौगाम निवासी आरिफ निसार, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ ​​शाहिद, शोपियां निवासी मोलवी इरफान अहमद (एक मस्जिद के इमाम), गांदरबल निवासी जमीर अहमद उर्फ ​​मुतलशा, पुलवामा निवासी डॉ मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ ​​मुसैब और कुलगाम निवासी डॉ आदिल शामिल है।

शुरुआत

कैसे हुई कार्रवाई की शुरुआत?

अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई 19 अक्टूबर को श्रीनगर के बनपोरा नौगाम में विभिन्न स्थानों पर JeM के पोस्टर चिपकाए जाने के बाद की गई है, जिसमें पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी दी गई थी। जांच में अधिकारियों द्वारा वर्णित एक सफेदपोश आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र का पता चला है, जो कट्टरपंथी पेशेवरों और छात्रों से जुड़ा एक परिष्कृत नेटवर्क है। यह कथित तौर पर पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित विदेशी संचालकों के संपर्क में था।

तरीका

कैसे काम कर रहा था गिरोह?

पुलिस ने बताया कि गिरोह ने समन्वय, विचारधारा, धन हस्तांतरण और रसद के लिए एन्क्रिप्टेड संचार माध्यमों का इस्तेमाल किया। कथित तौर पर सामाजिक या धर्मार्थ कार्यों के नाम पर पेशेवर और शैक्षणिक हलकों से धन जुटाया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह मॉड्यूल व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी समूहों में भर्ती करने के अलावा धन जुटाने, रसद की व्यवस्था करने और हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री खरीदने में शामिल था।"

गिरफ्तारी

फरीदाबाद से हुई डॉक्टर की गिरफ्तारी

आरोपी डॉ मुजम्मिल को फरीदाबाद में उसके किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया, जहां से पुलिस को 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, AK-56 रायफल, AK क्रिनकोव, बरेटा पिस्टल और सैकड़ों कारतूस मिले हैं। पुलिस ने बताया कि यह नेटवर्क सोशल वेलफेयर के नाम पर धन जुटाकर आतंकी गतिविधियों में खर्च करता था। एक अन्य आरोपी की पहचानअल फलाह विश्वविद्यालय के शिक्षक मुजम्मिल शकील के रूप में हुई है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

सक्रियता

4 साल से सक्रिय था यह गिरोह

पुलिस ने अनुसार, यह गिरोह साल 2021-22 में सक्रिय हुई थी। शुरुआत में हाशिम नाम के एक व्यक्ति के मार्गदर्शन में और बाद में घाटी में डॉ उमर नामक एक नए नेतृत्व के तहत पुनर्गठित हुई। गिरफ्तारी के बाद डॉ अदील ने डॉ मुफाजिल शकील और डॉ मुजम्मिल के नाम का खुलासा कर दिया। शकील पुलवामा के कोइल निवासी शकील अहमद गनई के बेटा है। उसी खुलासे के आधार पर पुलिस ने फरीदाबाद जाकर दबिश दी थी।

भूमिका

अन्य लोगों की भूमिका भी आई सामने

फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया, जो श्रीनगर में JeM के समर्थन में पोस्टर लगाने के मामले में भी वांछित था। श्रीनगर में पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि कुछ और आरोपियों की भूमिका सामने आई है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। जांच के दौरान श्रीनगर, अनंतनाग, गंदेरबल और शोपियां जिलों में भी कई स्थानों पर तलाशी ली गई थी।

कार्रवाई

पुलिस ने क्या की है कार्रवाई?

अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह में शामिल सभी आतंकी और लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अब प्राथमिकता विस्फोटकों की आपूर्ति श्रृंखला, बाहरी आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों का पता लगाना और उस बड़े संगठन को ध्वस्त करना है जिसे यह मॉड्यूल बनाना चाहता था। पुलिस सभी दृष्टिकोण से जांच कर रही है।