भारतीय नौसेना में शामिल हुआ सर्वेक्षण पोत 'इक्षक', इसमें 80 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री; जानें खासियत
क्या है खबर?
सर्वेक्षण पोत INS इक्षक भारतीय नौसेना में शामिल हो गया है। केरल के कोच्चि स्थित नौसेना अड्डे पर आयोजित एक समारोह में INS इक्षक को औपचारिक रूप से सैन्य सेवा में शामिल किया गया है। इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी समेत कई आला अधिकारी मौजूद रहे। इक्षक दक्षिणी नौसेना कमान में तैनात होने वाला पहला पोत है, जो भारत का आत्मनिर्भर पहल का सबसे बड़ा प्रतीक है। आइए INS इक्षक के बारे में जानते हैं।
स्वदेशी
पोत में 80 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 'इक्षक' नाम का संस्कृत में अर्थ है 'मार्गदर्शक।' ये अपने नाम के अनुरूप सभी नाविकों के लिए एक मार्गदर्शक है। INS इक्षक को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड, कोलकाता ने बनाया है। ये जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का ताजा उदाहरण है। इस जहाज में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। ये नौसेना में शामिल होने वाला सर्वे वेसल लार्ज (SVL) श्रेणी का तीसरा जहाज है।
काम
समुद्र में क्या काम करेगा INS इक्षक?
इस पोत को बंदरगाहों और नौवहन चैनलों के तटीय और गहरे जल सर्वेक्षण के लिए बनाया गया है। इससे मिले आंकड़ों का इस्तेमाल समुद्र में सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करने और भारत के समुद्री सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में किया जाएगा। एक मार्गदर्शक की भूमिका में ये समुद्र में बाकी जहाजों के लिए सटीक दिशा-निर्देशन और निगरानी का काम करेगा। ये सर्वेक्षण से जुड़े कई मिशनों को अंजाम दे सकता है।
ट्विटर पोस्ट
नौसेना ने साझा किया इक्षक का वीडियो
Unveiling #Ikshak — India’s indigenously built Survey Vessel (Large).
— PRO Defence Kochi (@DefencePROkochi) November 5, 2025
Charting new depths in hydrography. India’s indigenously built Survey Vessel (Large) — #Ikshak — is equipped with cutting-edge survey tech, boosting maritime safety & hydrographic strength.
A proud stride in… pic.twitter.com/ozV1pvrrJ9
उपकरण
किन-किन उपकरणों से लैस है इक्षक?
INS इक्षक कई अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस है। इसमें एक उच्च-रिजॉल्यूशन मल्टी-बीम इको साउंडर, एक ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV), एक रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV), और 4 सर्वे मोटर बोट (SMB) हैं। इको साउंडर का इस्तेमाल समुद्र की गहराई पता लगाने में होता है। इसके अलावा AUV पानी के भीतर अपने आप चलने वाला रोबोट, ROV पानी में चलने वाला केबल कनेक्टेड रोबोट और SMB सर्वेक्षण नावें होती हैं। इस पोत में एक हेलीकॉप्टर डेक भी है।
बयान
नौसेना प्रमुख बोले- हर 40 दिन में शामिल हो रहा एक स्वदेशी युद्धपोत
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने 4 नवंबर को कहा था कि हर 40 दिन में नौसेना में एक नया युद्धपोत या पनडुब्बी शामिल कर रही है। उन्होंने कहा, "नौसेना समुद्री क्षेत्र में स्वदेशी क्षमताओं के निर्माण पर फोकस कर रही है, ताकि विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना किया जा सके। नौसेना ने आत्मनिर्भरता को न केवल रणनीतिक जरूरत के रूप में अपनाया है, बल्कि इसे भविष्य की सुरक्षा और निवेश के रूप में भी देखा जा रहा है।"