भारतीय वायुसेना 100 तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमान खरीदेगी, मिग विमानों की लेंगे जगह
क्या है खबर?
भारतीय वायुसेना लगातार अपने बेड़े में लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने और पुराने विमानों को हटाने में लगी है। अब इसी क्रम में 100 नए तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमानों को खरीदा जाएगा। वायुसेना में ये मिग-21 विमानों की जगह लेंगे।
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने अपने स्पेन दौरे के दौरान इस बात की जानकारी दी है। इन विमानों को स्वदेशी तरीके से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बनाएगी।
बयान
क्या बोले वायुसेना प्रमुख?
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए चौधरी ने कहा, "तेजस को मिग-21, मिग 23 और मिग-27 विमानों सहित बड़े मिग सीरीज के बेड़े के बदलने के लिए शुरू से ही डिजाइन किया गया था। इन सभी विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के साथ, यह आवश्यक है कि हमारे पास पर्याप्त संख्या में हल्के लड़ाकू विमान (LCA) श्रेणी के विमान हों। इसलिए, 83 LCA मार्क-1A के अलावा, हम लगभग 100 और विमानों के लिए बाचतीच आगे बढ़ा रहे हैं।"
खासियत
क्या है तेजस विमानों की खासियत?
तेजस मार्क 1-A मार्क 1 का और आधुनिक संस्करण है। पुराने संस्करण की तुलना में इसमें 40 से ज्यादा सुधार किए गए हैं।
इनमें नया एवियोनिक सूट, यूनिफाइड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (UEWS), सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर (SPJ), ऑनबोर्ड ऑक्सीजन जेनरेशन सिस्टम (OOGS) जैसी तकनीक शामिल हैं।
इसके अलावा इन्हें बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल (BVRAAM) और एंडवांस्ड शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (ASRAAM) से लैस किया जा सकता है। इनमें हवा के हवा में ही ईंधन भी भरा जा सकता है।
संख्या
अब वायुसेना में कितने तेजस विमान होंगे?
वायुसेना ने इसके पहले 83 LCA मार्क-1A तेजस विमानों का ऑर्डर दिया था। उम्मीद है कि फरवरी, 2024 में इन्हें वायुसेना की सौंपना शुरू किया जा सकता है और 2029 तक सभी 83 विमान सौंप दिए जाएंगे। इनके 65 प्रतिशत से ज्यादा उपकरण भारत में बने हैं।
अगले 15 साल में भारतीय वायुसेना के पास 40 LCA तेजस, 180 से ज्यादा LCA मार्क-1A और कम से कम 120 LCA मार्क-2 लड़ाकू विमान होंगे।
सुखोई
सुखोई-30 MKI विमान भी खरीदेगी वायुसेना
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 15 सितंबर को 12 सुखोई-30 MKI विमान की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। 11,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना में विमानों के साथ ही संबंधित ग्राउंड सिस्टम भी शामिल है, जिसे HAL द्वारा बनाया जाएगा।
इस विमान को रूस की सुखोई कंपनी ने बनाया है। 1997 में भारत की HAL ने भी इसे बनाने का लाइसेंस लिया था। पहली बार 2002 में इन विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
नए तेजस विमान मिग सीरीज के विमानों की जगह लेंगे। मिग विमानों को 1963 में वायुसेना में शामिल किया गया था और अब तक 800 से ज्यादा मिग विमान सेना इस्तेमाल कर चुकी है।
इनमें से करीब 500 मिग विमान क्रैश हो चुके हैं, जिसकी वजह से 200 से ज्यादा पायलट और करीब 50 आम लोगों को जान गई है। इसी वजह से मिग विमानों को उड़ता ताबूत भी कहा जाता है।