भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, 12 सुखोई-30 MKI विमानों की खरीद को मिली मंजूरी
आसमान में भारतीय वायुसेना की ताकत अब और बढ़ने वाली है। रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई-30 MKI विमान की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन्हें भारत में ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाया जाएगा। 11,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना में विमानों के साथ ही संबंधित ग्राउंड सिस्टम भी शामिल है। ये वायुसेना के सबसे आधुनिक विमान होंगे, जो कई भारतीय हथियारों और सेंसर से लैस होंगे।
60 प्रतिशत तक स्वदेशी होंगे विमान
रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इन विमानों में आवश्यकतानुसार 60 से ज्यादा स्वदेशी सामग्री शामिल होगी। बता दें कि भारत के पास पहले से ही करीब 270 सुखाई विमान हैं, लेकिन हाल ही के दिनों में दूसरे विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद नए विमानों की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसका प्रस्ताव वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया है।
नौसेना के लिए जहाजों की खरीद को भी मंजूरी
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दी है। इसके अलावा डोर्नियर विमान के उन्नत संस्करण को भी मंजूरी मिली है। इससे विमान की संचालन क्षमता में सटीकता बढ़ाने के सुधार किए जाएंगे। स्वदेशी ALH MK-4 हेलीकॉप्टरों के लिए एक शक्तिशाली स्वदेशी हथियार के तौर पर ध्रुवास्त्र शॉर्ट रेंज हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल की खरीद को भी मंजूरी मिली है।
क्या बोले रक्षा मंत्री?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'रक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आज सशस्त्र बलों के लिए 45,000 करोड़ रुपये के 9 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए मंजूरी दी है। इसके तहत हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहनों, एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली और अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद की जाएगी। अब हम न्यूनतम 60-65% स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य रखेंगे।'
15 देश करते हैं सुखोई-30 MKI का इस्तेमाल
इस विमान को रूस की सुखोई कंपनी ने बनाया है। 1997 में भारत की HAL ने भी इसे बनाने का लाइसेंस लिया था। पहली बार 2002 में इन विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। फिलहाल करीब 15 देश इनका इस्तेमाल करते हैं। इनमें रूस, अल्जीरिया, चीन, इंडोनिशिया के नाम शामिल हैं। सुखोई में काफी सारे बदलाव किए जा सकते हैं, इस वजह से देश अपनी भौगोलिक स्थिति और जरूरत के हिसाब से इनमें बदलाव करवाते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
सुखोई विमान 2 इंजन से लैस हैं और इन्हें 2 पायलट मिलकर उड़ाते हैं। इसकी रेज 3,000 किलोमीटर तक है यानी ये एक बार में इतनी दूरी तक उड़ान भर सकता है। यह 2,120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से और अधिकतम 57,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसमें 12 हार्ड पॉइंट हैं, जिनमें अलग-अलग तरह की मिसाइल और बम लग सकते हैं। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात हो सकती है।