
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत बढ़ाएगा ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन, सेना की बढ़ेगी ताकत
क्या है खबर?
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों की सफलता को देखते हुए इन सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की बड़ी संख्या में उत्पादन का निर्णय लिया है। यह मिसाइल भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है और इसका इस्तेमाल मई में हुए 4 दिवसीय संघर्ष में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर सटीक हमलों के लिए किया गया था। अब रक्षा मंत्रालय जल्द ही इस ऑर्डर को मंजूरी दे सकता है।
लाभ
इस फैसले से क्या होगा भारत को लाभ?
इस फैसले के तहत भारतीय नौसेना के वीर श्रेणी के युद्धपोतों को समुद्री वैरिएंट से और भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमानों को हवाई संस्करण से लैस किया जाएगा। इससे भारत की समुद्री और हवाई ताकत काफी मजबूत होगी। ब्रह्मोस की विशेषताएं जैसे तेज गति, सटीक लक्ष्यभेदन और दागो और भूल जाओ क्षमता इसे दुश्मन के लिए रोकना मुश्किल बनाती हैं। यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली को और मजबूती देगी।
अन्य
अन्य महत्वपूर्ण बातें और वैश्विक रुचि
ब्रह्मोस मिसाइल की पहली युद्ध तैनाती ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रभावशाली बताया। मिसाइल की ताकत ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान भी खींचा है और करीब एक दर्जन देशों ने इसमें रुचि दिखाई है। यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से दागी जा सकती है और इसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर तक है। इसका नया वैरिएंट और भी अधिक दूरी तक मार कर सकेगा।