भारत अब रूस के साथ मिलकर बनाएगा नागरिक विमान, अमेरिका और यूरोप को झटका
क्या है खबर?
भारत और रूस मिलकर अब नागरिक विमान बनाने की ओर कदम बढ़ाएंगे। मंगलवार को इसकी शुरूआत हो गई है। मास्को में सरकारी स्वामित्व वाली एयरोस्पेस दिग्गज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत घरेलू उपयोग के लिए रूसी डिजाइन वाला यात्री जेट विमान बनाया जाएगा। अभी तक नागरिक उड्डयन बाजार में यूरोप के एयरबस और अमेरिकी की बोइंग कंपनी का लगभग एकाधिकार है।
समझौता
क्या हुआ है समझौता?
समझौते के तहत HAL को सुखोई सुपरजेट 100 या छोटी दूरी के मार्गों के लिए उपयुक्त दोहरे इंजन वाला क्षेत्रीय जेट SJ-100 को असेंबल करने का अधिकार किया गया है। SJ-100 की 200 से ज्यादा इकाइयां दुनिया भर में 16 ज्यादा एयरलाइनों द्वारा निर्मित और संचालित की जा चुकी हैं। अब यह भारत की उड़ान क्षेत्रीय संपर्क योजना को मजबूत करेगा। अनुमान है कि भारत को अगले दशक में क्षेत्रीय संपर्क के लिए 200 ऐसे जेट विमानों की जरूरत होगी।
क्षमता
1988 के बाद निर्भरता खत्म करेगा भारत
WION के मुताबिक, 1988 के बाद यह पहली बार है, जब भारत किसी पूर्ण यात्री विमान का निर्माण स्थानीय स्तर पर करेगा। HAL का एवरो HS-748 का उत्पादन 1961 में शुरू हुआ, जो 1988 में समाप्त हो गया। तब से, भारत अपने वाणिज्यिक बेड़े के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर रहा। बोइंग और एयरबस ने SJ-100 के प्रतिद्वंद्वियों, बोइंग-737 और एयरबस A-320 को उतारकर छोटे यात्री विमानों के वैश्विक बाजार के 90 प्रतिशत से अधिक पर कब्जा कर लिया।