भारत ने चीन सीमा के पास स्थापित की 2 रणनीतिक सेना टैंक रिपेयर यूनिट
क्या है खबर?
दुनिया का सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र लेह-लद्दाख में चीन की चुनौती को देखते हुए भारतीय सेना अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है।
भारत ने अब पूर्वी लद्दाख में अपने 500 से अधिक लड़ाकू वाहनों और टैंकों के लिए 2 टैंक रिपेयर यूनिट स्थापित की है।
बता दें कि बीते 4 सालों में सेना ने यहां बड़े स्तर पर टैंकों की तैनाती की है, जिन्हें मरम्मत के लिए दोबारा दूसरे रिपेयर यूनिट में लाना पड़ता है।
जगह
कहां-कहां स्थापित की जाएगी रिपेयर यूनिट?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक यूनिट दौलत बेग ओल्डी (DBO) सेक्टर में स्थापित की गई है, जबकि दूसरी सुविधा चीन की सीमा से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर है। दोनों ही यूनिट करीब 14,500 फीट की ऊंचाई पर है।
अधिकारियों ने कहा कि नई सुविधाओं से भारतीय सेना को इस क्षेत्र में तैनात टैंकों और लड़ाकू वाहनों सहित बख्तरबंद वाहनों की प्रभावशीलता और सेवाक्षमता में सुधार करने में मदद मिली है।
दौरा
सेना प्रमुख ने भी किया था दौरा
भारतीय सेना ने बेहद कम तापमान वाले उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में T-90, T-72, BMP और K-9 वज्र स्व-चालित हॉवित्जर की तैनाती की है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने हाल ही में बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों के लिए मध्यम रखरखाव (रीसेट) सुविधा का निरीक्षण किया था। अधिकारियों ने कहा कि ये यूनिट माइनस 40 डिग्री तापमान जैसे चुनौतीपूर्ण मौसम में भी लड़ाकू बेड़े को परिचालन के लिए तैयार रखती है।
विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने कहा था- सीमा पर सैन्य जमावड़ा 'असामान्य'
हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत-चीन सीमा पर सैन्य जमावड़ा असामान्य है।
उन्होंने कहा था कि चीन ने भारत-चीन सीमा पर बड़ी संख्या में सेना के जवानों को तैनात करके कई समझौतों का उल्लंघन किया है।
जयशंकर ने कहा था कि हमें में से किसी को भी सुरक्षा की अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
बता दें कि चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति के बाद भारत ने भी सीमा पर बड़े पैमाने पर तैनाती की है।
संबंध
गलवान घाटी हिंसा के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव
जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में काफी गिरावट आई है। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी, तब तक चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों ने फरवरी में उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का आखिरी दौर आयोजित किया था। दोनों पक्ष अब तक 4 बिंदुओं पर पीछे हटने पर सहमत हुए हैं।