
भारत का 'आयरन डोम' ढाल के साथ करेगा तलवार का काम, CDS अनिल चौहान का खुलासा
क्या है खबर?
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को मिशन 'सुदर्शन चक्र' के तहत 'आयरन डोम' के अपने संस्करण के निर्माण की भारत की योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की। यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण में 'सुदर्शन चक्र' नाम से नई मिसाइल रक्षा पहल विकसित करने की घोषणा के कुछ दिन बाद आई है। उन्होंने कहा कि भारत का 'आयरन डोम' ढाल के साथ तलवार का भी काम करेगा।
बयान
CDS चौहान ने क्या दिया बयान?
मध्य प्रदेश के महू में आयोजित 'रण संवाद सम्मेलन' में CDS चौहान ने कहा कि स्वदेशी एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) के तहत भारत का अपना 'आयरन डोम या गोल्डन डोम' विकसित करेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह मिशन इलेक्ट्रॉनिक या साइबर उपायों जैसे सॉफ्ट किल्स और मिसाइलों और लेजर जैसे हार्ड किल्स के माध्यम से दुश्मन के हवाई खतरों का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और बेअसर करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
उद्देश्य
क्या होगा 'आयरन डोम' का उद्देश्य?
CDS चौहान ने कहा, "भारत के आयरन डोम का उद्देश्य भारत के सामरिक, नागरिक और राष्ट्रीय महत्व के स्थलों की सुरक्षा के लिए एक प्रणाली विकसित करना है। यह ढाल के साथ-साथ तलवार का भी काम करेगा।" उन्होंने आगे कहा, "इस परियोजना के लिए बहु क्षेत्रीय खुफिया जानकारी और निगरानी और टोही (ISR) की आवश्यकता होगी, जिसमें जमीन, हवा, समुद्र, पानी के नीचे और अंतरिक्ष में सेंसरों को एकीकृत किया जा सकेगा।"
महत्वपूर्ण
परियोजना के लिए महत्वपूर्ण होगा आर्टिफिशीयल इंटेलीजेंस
CDS चौहान ने कहा, "परियोजना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उन्नत तकनीकें वास्तविक समय के विश्लेषण और प्रतिक्रिया के लिए काफी महत्वपूर्ण होंगी। भारत जैसे विशाल देश के लिए इतनी बड़ी परियोजना के लिए पूरे देश के दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी। मुझे विश्वास है कि हम इसे किफायती लागत पर पूरा कर लेंगे।" उन्होंने आगे कहा, "सूचना और तत्काल प्रतिक्रिया के लिए भारी मात्रा में डाटा का विश्लेषण करना होगा। इससे सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।"
परीक्षण
DRDO ने सफलतापूर्वक पूरा किया पहला उड़ान परीक्षण
बता दें कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने गत 23 अगस्त को ओडिशा के तट पर IADWS का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देते हुए कहा कि इस परीक्षण ने देश की बहुस्तरीय वायु-रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के विरुद्ध महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की क्षेत्रीय रक्षा को मजबूत करेगा।
प्रणाली
क्या है एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली?
IADWS एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है, जो हवा के खतरों को कम करने के लिए डिजाइन की गई है। यह हवाई निगरानी, युद्ध प्रबंधन और हथियार नियंत्रण का काम करती है। हवाई निगरानी को रक्षा प्रणाली की आंख कहते हैं। एक 'रडार' IADWS के कवरेज क्षेत्र में आने विमान का पता लगाता है, जबकि 'इनिसिएट' फंक्शन रडार रिटर्न को ट्रैक में बदलता है। 'पहचान' ट्रैक की जांच कर उसे मित्र, शत्रु या अज्ञात के रूप में वर्गीकृत करता है।