भारत-पाकिस्तान के बीच 4 साल में पहली बार फ्लैग मीटिंग, क्या चर्चा हुई?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने आज फ्लैग मीटिंग की है।
यह मीटिंग पुंछ सेक्टर के चाका दा बाग में आयोजित की गई, जिसमें दोनों सेनाओं के ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी शामिल हुए।
बीते 4 सालों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस तरह की ये पहली बैठक है। दोनों देशों के बीच आखिरी बार इस तरह की बैठक साल 2021 में हुई थी।
चर्चा
क्या-क्या हुई चर्चा?
रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर 11 बजे शुरू हुई ये बैठक करीब 75 मिनट तक चली।
इस दौरान दोनों पक्षों के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने और सीजफायर पर सहमति बनी है। दोनों देशों की सेनाओं ने सीमा पर शांति बनाए रखने और भविष्य में ऐसे घटनाओं से बचने को लेकर चर्चा की।
बता दें कि पाकिस्तान द्वारा 25 फरवरी, 2021 को संघर्ष विराम समझौते का नवीनीकरण किया गया था।
बयान
बैठक के बाद क्या बोले अधिकारी?
अधिकारियों ने कहा, "दोनों पक्षों ने माना कि सीमाओं पर शांति और सौहार्द बनाए रखना जरूरी है। बैठक करीब 75 मिनट तक चली और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सीमाओं पर शांति के व्यापक हित में संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने पर सहमति जताई।"
दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद काफी समय तक सीमा पर शांति रही थी, लेकिन हाल ही में गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
घटनाएं
LoC पर बढ़ी गोलीबारी की घटनाएं
11 फरवरी को जम्मू जिले के अखनूर में LoC के पास IED ब्लास्ट हुआ था। इसमें भारतीय सेना के 2 सैनिक शहीद हो गए थे।
16 फरवरी को LoC पर गोलीबारी में एक भारतीय जवान घायल हो गया था।
4 फरवरी को सेना ने 7 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया था। ये घटना पुंछ जिले में कृष्णा घाटी के पास हुई थी।
14 जनवरी को राजौरी में LoC के पास धमाके में 6 जवान घायल हो गए थे।
निर्देश
सुरक्षाबलों को मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई के निर्देश
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर 2 समीक्षा बैठक की थी। इसमें उन्होंने सुरक्षा बलों को घुसपैठ और आतंकवादियों के प्रति शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे।
वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी हाल ही में श्रीनगर और जम्मू में 2 सुरक्षा बैठक की थी। उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा बलों से आतंकवादियों, उनके ओवर-ग्राउंड वर्कर्स और समर्थकों को निशाना बनाकर आतंकी नेटवर्क को खत्म करने को कहा था।