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चीन को भारत का दो-तरफा जवाब, जानिए अरुणाचल की महिला और विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
पेमा वांगजोम थोंगडोक के मामले में चीन को दो-तरफा जवाब

चीन को भारत का दो-तरफा जवाब, जानिए अरुणाचल की महिला और विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

लेखन गजेंद्र
Nov 26, 2025
09:16 am

क्या है खबर?

चीन के शंघाई हवाई अड्डे पर अरुणाचल प्रदेश की महिला पेमा वांगजोम थोंगडोक को परेशान किए जाने का मामला बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को पड़ोसी देश द्वारा अरुणाचल प्रदेश को चीन का अभिन्न अंग बताने के बाद उसे भारत की ओर से दो-तरफा जवाब मिला है। पीड़ित थोंगडोक ने कहा कि अरुणाचल-भारत एक है और सब एक-दूसरे के लिए खड़े हैं। दूसरी तरफ, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि अरुणाचल भारत का 'अभिन्न और अविभाज्य' राज्य है।

बयान

थोंगडोक ने क्या कहा?

थोंगडोक ने एक्स पर इस कूटनीतिक मुद्दे के समर्थन में बोलने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके पास ट्रोलर्स को जवाब देने के लिए समय नहीं है। उन्होंने दूसरे पोस्ट में लिखा, 'मैं भारत में रहती भी नहीं, इसलिए भारत सरकार जो कदम उठाएगी, वह मेरे नहीं, बल्कि यहां रहने वाले मेरे साथी भारतीय और अरुणाचलियों के फायदे और गर्व के लिए होगा। हम एक देश हैं, हम एक-दूसरे के लिए खड़े हैं।

बयान

भारत ने चीन को क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार देर रात बयान जारी कर कहा, "हमने अरुणाचल प्रदेश की भारतीय नागरिक को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान देखे हैं, जिसके पास वैध पासपोर्ट था और वह जापान जाने के लिए शंघाई से गुजर रही थीं। अरुणाचल भारत का एक अहम और अटूट हिस्सा है, और यह एक साफ बात है। चीनी पक्ष के किसी भी इनकार से यह पक्की सच्चाई नहीं बदलेगी।"

बयान

चीन ने अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के नियमों का उल्लंघन किया- भारत

मंत्रालय ने आगे कहा, "महिला की हिरासत का मुद्दा चीनी पक्ष के सामने ज़ोरदार तरीके से उठाया गया है। चीनी अधिकारी अभी भी अपने कामों के बारे में सफाई नहीं दे पाए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को नियंत्रित करने वाले कई नियमों का उल्लंघन है। चीनी अधिकारियों के काम उनके अपने नियमों का भी उल्लंघन करते हैं, जो सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीज़ा मुक्त आने-जाने की इजाजत देते हैं।"

बयान

चीन ने पेमा थोंगडोक के उत्पीड़न पर क्या कहा था?

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था, "थोंगडोक पर किसी भी तरह की अनिवार्य कार्रवाई, नजरबंदी या उत्पीड़न नहीं किया गया। एयरलाइन ने इस दौरान उन्हें भोजन, पानी और आराम करने की जगह दी थी।" उन्होंने अरुणाचल पर चीन के क्षेत्रीय दावों को दोहराते हुए कहा, "जंगनान चीनी क्षेत्र है। चीन ने कभी भारत द्वारा अवैध रूप से बसाए गए तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को स्वीकार नहीं किया है।" बता दें, चीन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान कहता है।

मामला

क्या है पेमा थोंगडोक के उत्पीड़न का मामला?

पेमा 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थीं। उनकी उड़ान 3 घंटे के लिए शंघाई के पुडोंग हवाई अड्डे पर रुकी थी। जब उन्होंने आव्रजन काउंटर पर अपने दस्तावेज पेश किए, तो उनके पासपोर्ट की वैधता स्वीकार करने से मना कर दिया गया। पासपोर्ट पर जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश लिखे होने से उसे 'अमान्य' घोषित किया और कहा, "पासपोर्ट मान्य नहीं क्योंकि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है।" उन्हें 18 घंटे तक बिठाए रखा और भोजन-पानी से वंचित रखा।