
भीड़ नियंत्रण को लेकर गृह मंत्रालय ने बनाई गाइडलाइन, हिंसा भड़कने के संभावित कारण भी बताए
क्या है खबर?
सरकार ने भीड़ नियंत्रण को लेकर नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इनका उद्देश्य विरोध प्रदर्शनों और बड़े आयोजनों के दौरान भीड़ पर काबू रखना है। सांप्रदायिक दंगे, छात्र आंदोलनों और सोशल मीडिया से संचालित जनाक्रोश भी इसके दायरे में हैं। इन्हें 'क्राउड कंट्रोल एंड मास गैदरिंग मैनेजमेंट' नाम दिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह गाइडलाइन नई परिस्थितियों को देखकर बनाई है। इसे हाल ही में कई देशों में हुए विरोध प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है।
रिपोर्ट
नए दिशानिर्देशों में क्या-क्या है?
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SoP) को ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट ने तैयार किया है। इसमें सभाओं के प्रबंधन के तरीके बताए गए हैं। सोशल मीडिया प्रबंधन, भीड़ प्रबंधन में मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक पहलू भी इसमें शामिल हैं। इसके अलावा गैरकानूनी जमावड़ों और आक्रामक प्रदर्शनों के लिए तैनाती के मॉडल दिए गए हैं। किसानों व मजदूरों की रैलियों के लिए भी अलग व्यवस्थाएं सुझाई गई हैं।
कारण
सरकार ने बताए हिंसा भड़कने के कारण
गाइडलाइंस में कहा गया है कि आम तौर पर 22 से 40 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में सांप्रदायिक दंगे और हिंसा होने की आशंका ज्यादा होती है। सरकार ने निजी विवाद, मस्जिद के सामने संगीत बजाना, धार्मिक जमीन पर कब्जा, धार्मिक स्थल के सामने जुलूस, महिलाओं से छेड़छाड़, अलग समुदायों के युवक-युवती की शादी, गोहत्या, होली में दूसरे समुदाय के लोगों पर जबरन रंग डालना, दूसरी जगहों पर सांप्रदायिक तनाव और धर्मांतरण को हिंसा भड़कने की वजह बताया है।
तरीके
सरकार ने भीड़ नियंत्रण के तरीके भी बताए
सरकार ने भीड़ को घेरने, बांटने और रोकने के तरीके भी बताए हैं। भीड़ को घेरने के लिए सीमित जगह पर रोकना और उपद्रवी समूह को अलग करना शामिल है। भीड़ को किसी जगह जाने से रोकने या धीरे-धीरे पीछे करने के लिए एक या दो सीधी कतारें बनाई जाएं। भीड़ रोकने के लिए पुलिस 'V' आकार के घेरा बनाकर आगे बढ़े। ये तब किए जाए, जब भीड़ को बांटना हो या रास्ता बनाना हो।
स्थिति
भारत के 3 पड़ोसी देशों में हुए प्रदर्शन
सरकार ने ये गाइडलाइन ऐसे वक्त बनाई है, जब भारत के 3 पड़ोसी देशों- नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। ये दिशानिर्देश इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि सोशल मीडिया के दौर में प्रदर्शन अचानक भड़कते हैं और हिंसक हो जाते हैं। साथ ही हाल ही में भगदड़ की घटनाएं भी बढ़ी हैं। ये दिशानिर्देश कुंभ मेले, स्टेडियम में कोई आयोजन, धार्मिक आयोजन, प्रवचन आदि के दौरान भी लागू किए जाएंगे।