पूरे माहौल को दूषित कर रहे भड़काऊ भाषण, अंकुश लगाने की जरूरत- सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भड़काऊ भाषण पूरे माहौल को दूषित कर रहे हैं और इन पर अंकुश लगाने की जरूरत है।
याचिका में अल्पसंख्यकों के खिलाफ की जा रही भड़काऊ बयानबाजी और उनके खिलाफ बढ़ते नफरती अपराधों का मुद्दा उठाया गया है।
'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि भड़काऊ भाषण एक तीर की तरह होता है जो कभी वापस नहीं आता।
टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
भड़काऊ बयानबाजी के इन दिनों "फायदे का सौदा" बनने का दावा करने वाली एच मनसुखानी की याचिका पर विचार करते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) और जस्टिस एसआर भट की सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा, "आप (याचिकाकर्ता) शायद सही कह रहे हैं कि इस तरह के नफरती बयानों से पूरा माहौल दूषित होता है और शायद आपको पास यह कहने का उचित आधार है कि इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है।"
निर्देश
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से एक-दो मामलों पर केंद्रित हलफनामा दाखिल करने को कहा
बेंच ने कहा कि उसके मामले का संज्ञान लेने के लिए जरूरी है कि याचिका की तथ्यात्मक पृष्ठभूमि हो और याचिकाकर्ता को एक-दो मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उसने कहा, "यह बहुत ही रैंडम याचिका है जिसमें कहा गया है कि ऐसे 58 मामले हैं जिनमें किसी ने भड़काऊ भाषण दिया... हमें इन मामलों की जानकारी भी नहीं है।"
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से 31 अक्टूबर तक कुछ ही मामलों पर केंद्रित एक नया हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
नोटिस
धर्म संसद के मामले में दिल्ली और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी
एक अन्य मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने भी उत्तराखंड और दिल्ली की सरकारों से जवाबा मांगा है कि उन्होंने पिछले साल हुई धर्म संसदों में भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है।
तुषार गांधी का याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये नोटिस जारी किए हैं। गांधी ने आरोप लगाया है कि भड़काऊ भाषणों के सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध होने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
ताजा मामला
रविवार को VHP की रैली में दिए गए थे भड़काऊ भाषण
भड़काऊ बयानबाजी पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ये तल्ख रुख ऐसे समय पर आया है जब रविवार को दिल्ली में बुलाई गई विश्व हिंदू परिषद (VHP) की रैली में मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए गए।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने खुलेआम लोगों की अंगुली, हाथ और गला काटने का आह्वान किया। भड़काऊ भाषण देने वालों में गाजियाबाद की लोनी सीट से भाजपा के विधायक नंद किशोर गुर्जर भी शामिल रहे।