आसाराम बापू की सजा निलंबित करने पर विचार करेगा गुजरात हाई कोर्ट, 4 अप्रैल से सुनवाई
रेप के दोषी आसाराम बापू की सजा निलंबित करने से जुड़ी याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट 4 अप्रैल से सुनवाई शुरू करेगा। हाई कोर्ट ने 85 वर्षीय आसाराम की उम्र और उसके 10 साल से कैद में रहने को देखते हुए दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिका को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया और विमल व्यास की खंडपीठ ने कहा कि वह सजा को निलंबित करने के बजाय मुख्य अपील पर सुनवाई करेंगे।
याचिका में आसाराम ने क्या कहा?
आसाराम बापू ने अपनी याचिका में कहा कि जबरन यौन संबंध का आरोप अत्यधिक असंभव था क्योंकि उस समय उनकी उम्र 64 वर्ष थी, जबकि पीड़िता 21 वर्ष की थी। याचिका में कहा गया कि यह असंभव इसलिए लगता है क्योंकि पीड़िता आसानी से व्यक्ति को धकेलकर खुद को बचाने के लिए भाग सकती है। उन्होंने इसे साजिश बताया है। बता दें, इसी महीने सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की सजा को निलंबित करने की याचिका को ठुकरा दिया था।
क्या है पूरा मामला?
आसाराम बापू को 2013 में जोधपुर के आश्रम में नाबालिग लड़की से रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद सूरत में 2 बहनों ने भी उन पर और उनके बेटे नारायण साईं पर रेप का मामला दर्ज कराया था। जोधपुर मामले में सुनवाई 4 साल तक चली और ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 2018 में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आसाराम बापू लंबे समय से जोधपुर की जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।