महाराष्ट्र के बाद पश्चिम बंगाल पहुंचा गुइलेन बेरी सिंड्रोम, देश में तीसरी मौत
क्या है खबर?
देश में संदिग्ध गुइलेन-बेरी सिंड्रोम (GBS) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। महाराष्ट्र के बाद अब पश्चिम बंगाल में एक बच्चे की मौत हो गई है। यह देश में तीसरी मौत बताई जा रही है।
मृतक उत्तर 24 परगना जिले में 12वीं का छात्र था, जो कोलकाता के नील रतन अस्पताल में भर्ती था। डॉक्टरों का कहना है कि छात्र की मौत मायोकार्डिटिस या सेप्टिक शॉक से हुई है, जिसकी मूल बीमारी GBS हो सकती है।
बीमारी
पश्चिम बंगाल में 3 अन्य मौतों को लेकर भी शक
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से GBS को लेकर सब कुछ ठीक बताया जा रहा है, लेकिन यहां कोलकाता और हुगली के सरकारी अस्पतालों में 3 अन्य मौत के लिए GBS को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
परिवार का दावा है कि मृतकों की मौत का कारण GBS बताया गया है। यहां 4 और बच्चे इसी बीमारी से पीड़ित हैं।
इसके अलावा महाराष्ट्र में 127 मामले सामने आ चुके हैं। यहां के पुणे में 2 मौत हो चुकी है।
संक्रमण
क्या है गुलियन बैरी सिंड्रोम?
GBS एक दुर्लभ और गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अपने ही तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाने लगता है।
आमतौर पर किसी इंफेक्शन या वायरस से संक्रमित होने के बाद होता है। इसके कारण हाथ-पैर अचानक कमजोर पड़ जाते हैं और शरीर के ऊपरी और निचले अंगों, गर्दन, चेहरे और आंखें कमजोरी या सुन्न हो जाती है।
यह दूषित पानी या खाने से फैलता है। बीमारी हाथ-पैर में झुनझुनी या सुन्न होने से शुरू होती है।
बचाव
कैसे करें बचाव?
बीमारी से बचने के सटीक उपाय अभी पता नहीं है। हालांकि, आम साफ-सफाई जैसी गतिविधियों को अपनाकर आप सुरक्षित रह सकते हैं।
पीने से पहले पानी उबालें। सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से धोकर खाएं। नॉन-वेज खाने को अच्छे से पकाकर ही खाएं। कच्चे या अधपके भोजन, खासकर अंडे और समुद्री खाना खाने से बचें।
खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं।