सरकार ने डीपफेक पर सोशल मीडिया कंपनियों को दी 7 दिन की डेडलाइन, नियुक्त होगा अधिकारी
क्या है खबर?
डीपफेक वीडियो को लेकर केंद्र सरकार सोशल मीडिया कंपनियों पर सख्त होती जा रही है। केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कंपनियों को अपनी उपयोग की शर्तों को कानून अनुरूप बनाने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे मामलों की जांच के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति करेगी और एक वेबसाइट भी बनाई जाएगी, जिस पर उपयोगकर्ता नियमों के उल्लंघन की शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
बयान
मंत्री ने क्या कहा?
मंत्री चंद्रशेखर ने कहा, "सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय एक वेबसाइट विकसित करेगा, जिस पर उपयोगकर्ता सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स द्वारा IT नियमों के उल्लंघन के बारे में अपनी चिंताएं दर्ज करा सकेंगे। मंत्रालय नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित करने और FIR दर्ज करने में भी सहायता करेगा। डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नियमों के उल्लंघन के प्रति शून्य सहिष्णुता बरती जाएगी।"
बैठक
कंपनियों के साथ लगातार बैठक कर रही सरकार
डीपफेक के मुद्दे पर सरकार लगातार सोशल मीडिया कंपनियों के साथ बैठक कर रही है।
गुरुवार (23 नवंबर) को IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कंपनियों के प्रतिनिधियों से बात की थी। आज IT राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने कंपनियों के साथ बैठक की।
चंद्रशेखर ने कहा, "हमने इंटरनेट के सभी महत्वपूर्ण घटकों और मध्यस्थों के साथ एक बहुत लंबी बैठक की। हमने उनके साथ डीपफेक का मुद्दा उठाया है। सभी कंपनियां नियमों के अनुपालन पर सहमत हुई हैं।"
कानून
डीपफेक को लेकर कहता है कानून?
केंद्र सरकार ने कहा कि डीपफेक वीडियो बनाने और प्रसारित करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और 3 साल की सजा का प्रावधान है।
IT मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में कंपनियों को सलाह जारी की थी, जिसमें ऐसे कानूनी प्रावधानों को रेखांकित किया गया था।
सरकार ने कहा था कि ऐसी किसी भी सामग्री की शिकायत किए जाने पर 36 घंटों के भीतर उसे हटाया जाए और IT नियम, 2021 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित हो।
नियम
डीपफेक को लेकर नए कानून भी बनाएगी सरकार
सरकार डीपफेक को लेकर नए नियम-कानून भी बनाएगी। इसके तहत डीपफेक वीडियो बनाने वालों और उसे प्रसारित करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जुर्माने और दंड का प्रावधान हो सकता है।
IT मंत्री वैष्णव ने संकेत दिए हैं कि आने वाले कुछ हफ्तों में नए नियमों का मसौदा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा कंपनियों को 10 दिनों के भीतर ऐसे वीडियो का पता लगाने और रोकथाम को लेकर दिशानिर्देश पेश करने को कहा गया है।
प्लस
क्या है डीपफेक?
डीपफेक एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें AI का उपयोग कर वीडियो, तस्वीरों और ऑडियो से छेड़छाड़ की जा सकती है।
इस टेक्नोलॉजी से किसी दूसरे व्यक्ति की फोटो या वीडियो पर किसी और का चेहरा लगाया जा सकता है या किसी की भी आवाज में कोई भी बात कहलवाई जा सकती है।
डीपफेक से बनने वाली तस्वीरें, वीडियो और ऑडियो इतने सटीक होते हैं कि ये बिल्कुल सच लगते हैं और आसानी से पता नहीं चलता कि ये फर्जी हैं।