केंद्र का प्रस्ताव ठुकराने के बाद किसानों ने आज फिर शुरू किया दिल्ली मार्च
क्या है खबर?
किसान आंदोलन को आज 9वां दिन है। केंद्र सरकार का प्रस्ताव ठुकराने के बाद पंजाब और हरियाणा के किसानों ने आज फिर 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू कर दिया है।
यह प्रदर्शनकारी किसान अभी हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर डेरा डाले हुए हैं और अब यह पुलिस के अवरोधकों को तोड़ने के लिए भारी मशीनों का सहारा लेने की पूरी तैयारी में हैं।
इस मार्च से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षाबल सतर्क हैं।
दिल्ली कूच
1,200 ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ दिल्ली कूच को तैयार
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, लगभग 14,000 किसान हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर इकट्ठा हुए हैं। किसान दिल्ली जाने के लिए 1,200 ट्रैक्टर ट्रॉलियों, 300 कारों और 10 मिनी बसों का उपयोग कर रहे।
गृह मंत्रालय का अनुमान है कि 500 ट्रैक्टरों के साथ 4,500 प्रदर्शनकारी ढाबी-गुजरान सीमा पर इकट्ठा हुए हैं।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून की घोषणा कर इस विरोध प्रदर्शन को खत्म करें।
तैयारी
किसानों ने दिल्ली कूच के लिए क्या-क्या तैयारी की है?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, किसान 2 तरीकों से दिल्ली पहुंचने की योजना बना रहे हैं। पहला- शंभू, अंबाला, करनाल, पानीपत और सोनीपत के रास्ते और दूसरा खनौरी (पंजाब-हरियाणा सीमा पर), जिंद और रोहतक के माध्यम से।
पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने में नाकाम रहने के बाद, किसान भारी मशीनरी के अलावा इनमें विशेष व्यवस्था की है ताकि रबर गोलियों से बचाव कर सकें। कई किसान गैस मास्क सहित दंगा रोधी उपकरणों के साथ पहुंच रहे हैं।
पत्र
गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिख जताई चिंता
गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की।
मंत्रालय ने कहा, "ऐसा लगता है कि किसानों की आड़ में उपद्रवियों और कानून तोड़ने वालों को पथराव करने और भारी मशीनरी जुटाने की खुली छूट दे दी गई है। प्रदर्शनकारियों द्वारा मशीनों का इस्तेमाल बैरिकेड्स को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाना है, जिससे ड्यूटी पर तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।"
जानकारी
गृह मंत्रालय ने पत्र में और क्या कहा?
गृह मंत्रालय ने विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टर, जेसीबी मशीनों और अन्य भारी उपकरणों के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई है। मंत्रालय का कहना है कि यदि किसान हरियाणा में प्रवेश करते हैं तो दोनों राज्यों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
सुरक्षा
दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त
पुलिस आज भरे हुए शिपिंग कंटेनरों के साथ किसानों का रास्ता रोकने की योजना बना रही है। दिल्ली में प्रवेश के 3 मुख्य बिंदुओं सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर 8,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
इसके अलावा पुलिस ने कंक्रीट, कंटीले तारों और लोहे की कीलों से मजबूत अवरोधकों की कई परतें लगाई हैं। ट्रैक्टरों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए डंपर, क्रेन जैसी मशीनों उपयोग करने की भी तैयारी है।
दिशानिर्देश
पंजाब और हरियाणा में दिशानिर्देश जारी
पंजाब में पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने खनौरी और शंभू में पंजाब-हरियाणा सीमा की ओर जेसीबी, पोकलेन, टिपर, हाइड्रा और अन्य मिट्टी हटाने वाले भारी उपकरणों की आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा गश्त करने और अन्य आवश्यक कदम उठाने के निरेदेश दिए हैं। हरियाणा पुलिस ने किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर सील कर दिए हैं और पंजाब जाने के लिए लोगों को ट्रेन इस्तेमाल करने के लिए कहा है।
प्रस्ताव
किसानों ने सरकार का प्रस्ताव खारिज किया
सोमवार शाम को किसान नेताओं ने मक्का, कपास और 3 प्रकार की दालों (तूर, उड़द और मसूर) को पुराने MSP पर खरीदने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
उन्होंने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह केवल कुछ ही फसलों पर लागू होता है और अन्य 18 फसलों को उगाने वालों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
किसानों ने सरकार अल्टीमेटम देने के बाद 21 फरवरी को दोबारा 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू करने की घोषणा की थी।
कारण
किसानों के विरोध का क्या कारण है?
किसान अपनी कुछ मांगों को लेकर 13 फरवरी से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें MSP पर कानून, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, किसान आंदोलन में शामिल किसानों की कर्ज माफी, वृद्ध किसानों को पेंशन, कृषि उत्पादों के आयात शुल्क कमी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार और भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 लागू करना प्रमुख हैं।
किसानों ने 16 फरवरी को देशभर में ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया था और पंजाब में रेल रोको आंदोलन भी किया।