यासीन मलिक ने 1990 में की थी 4 वायुसैनिकों की हत्या, गवाह ने कोर्ट में बताया
एक प्रत्यक्षदर्शी ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की स्पेशल कोर्ट में 1990 में श्रीनगर में 4 वायुसैनिकों की हत्या के लिए यासीन मलिक को जिम्मेदार बताया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के पूर्व कर्मचारी और मामले में गवाह राजवर उमेश्वर सिंह ने सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख मलिक की पहचान की। मलिक को दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था।
क्या है मामला?
25 जनवरी, 1990 को श्रीनगर के बाहरी इलाके स्थित रावलपुरा के पुराने श्रीनगर हवाई क्षेत्र पर जवान ड्यूटी के लिए वाहन का इंतजार कर रहे थे, तभी आतंकवादियों ने गोलीबारी कर दी। इस दौरान स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत 4 जवानों की मौत हो गई, जबकि 40 लोग घायल हुए थे। गवाह उमेश्वर सिंह हमले में बच गए थे। सिंह ने कोर्ट को बताया कि मलिक ने अपना फेरन उठाकर बंदूक निकाली और सैनिकों के समूह पर गोलियां बरसा दीं।
हत्या के मामले में मलिक के अलावा अन्य भी शामिल
वायुसैनिकों की हत्या के मामले में मलिक के अलावा JKLF के संचालक अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ 'नलका', शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी शामिल हैं। 31 अगस्त, 1990 को मलिक और अन्य के खिलाफ जम्मू की टाडा कोर्ट के समक्ष आरोपपत्र दायर किया गया था। बता दें कि मलिक को मई, 2022 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कोर्ट ने आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद सुनाई थी।