मध्य प्रदेश: अतिक्रमण हटाने गई वन विभाग की टीम पर तीर-पत्थर से हमला, 12 लोग घायल
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में घाघरला जंगल में छिपे अतिक्रमणकारियों ने शनिवार को वन विभाग की टीम और ग्रामीणों पर हमला कर दिया। अतिक्रमणकारियों ने टीम पर पत्थरों, तीर और देसी बम से हमला किया था, जिसमें वन विभाग के कर्मचारी और ग्रामीण समेत करीब 12 लोग घायल हो गए। वहीं अचानक हुए हमले के कारण टीम को वापस लौटना पड़ा। गौरतलब है कि हमले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है।
वन विभाग को मिल रही थीं पेड़ काटे जाने की शिकायतें
वन विभाग को पिछले काफी समय से जंगल में पेड़ काटे जाने और अतिक्रमण किए जाने की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद विभाग ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया था। वहीं ग्रामीणों ने वन विभाग और पुलिस की टीम पर हमले के बाद मौके से डरकर भागने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है।
अतिक्रमणकारियों ने वाहनों पर भी किया पथराव
अतिक्रमणकारियों ने वन विभाग और पुलिस के वाहनों पर भी जमकर पथराव किया, जिसमें कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। बता दें कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारी संख्या में वन कर्मियों की टीम की जंगल में तैनात की गई थी। बतौर रिपोर्ट्स, वन विभाग और पुलिस कार्रवाई को लेकर 2 दिन से रणनीति बना रहा था, लेकिन वन विभाग की टीम जैसे ही अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने के लिए जंगल में घुसी तो अचानक हमला हो गया।
पहले से की गई थी हमले की तैयारी- अधिकारी
खंडवा रेंज के चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (CCF) आरपी राय ने बताया कि अतिक्रमणकारियों ने पहले से ही हमले की तैयारी कर रखी थी। अतिक्रमणकारियों ने वन विभाग की टीम को डराने के लिए तीरों और देसी बमों का इस्तेमाल किया था। राय ने आगे बताया कि वन विभाग ने पिछली बार भी पुलिस के सहयोग से अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा था, लेकिन कुछ लोगों ने दोबारा जंगल में अवैध कब्जा कर लिया है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी ही घटना
बता दें कि 2 मार्च को अतिक्रमणकारियों ने वन विभाग के रेणुका डिपो कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान वह वन भूमि पर अतिक्रमण करने के 4 आरोपियों को छुड़ा लिया गया था। गैरतलब है कि कुछ महीने पहले भी बदमाश वन चौकी से 17 राइफल कारतूस लूटकर फरार हो गए थे। बतौर रिपोर्ट्स, बुरहानपुर के जंगलों में 200 से ज्यादा अतिक्रमणकारी अभी भी मौजूद हैं