दिल्ली धमाके में घिरी अल-फलाह विश्वविद्यालय की वेबसाइट बंद, ED करेगी वित्तीय लेन-देन की जांच
क्या है खबर?
दिल्ली में धमाके के बाद घिरे अल-फलाह विश्वविद्यालय पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) विश्वविद्यालय के वित्तीय लेन-देन की जांच करेगी। साथ ही ED इस बात की भी जांच करेगी कि डॉक्टरों ने विस्फोटक खरीदने के लिए 23 लाख रुपये कैसे और कहां से जुटाए। वहीं, विवादों में घिरे विश्वविद्यालय की वेबसाइट भी बंद कर दी गई है। वेबसाइट खोलने पर एरर आ रही है।
ED
ED विश्वविद्यालय का पूरा लेन-देन खंगालेगी
रिपोर्ट के मुताबिक, ED विश्वविद्यालय और दिल्ली धमाका मामले में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के वित्तीय लेनदेन की विस्तृत जांच करेगी। गृह मंत्री अमित शाह और ED निदेशक के बीच आज हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है। ED विश्वविद्यालय में कार्यरत आरोपी डॉक्टरों के संभावित धन-स्रोतों और संदिग्ध लेन-देन की जांच करेगी। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पूरे आतंकी मॉड्यूल के वित्तपोषण की भी जांच करेगी। वित्तीय अनियमितताओं को पकड़ने के लिए ऑडिट भी किया जाएगा।
NAAC
NAAC ने विश्वविद्यालय को जारी किया नोटिस
विश्वविद्यालयों को ग्रेड देने वाली संस्था नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन कमीशन (NAAC) ने अल-फलाह विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। NAAC ने कहा कि संस्थान की मान्यता समाप्त हो गई है और विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर बताई गई 'ग्रेड A' मान्यता पूरी तरह से गलत और गुमराह करने वाली है। NAAC ने बताया कि अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की 'ग्रेड ए' मान्यता 2018, जबकि अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग की 2016 तक ही थी।
मुख्यालय
दिल्ली में विश्वविद्यालय के मुख्यालय पहुंची पुलिस
दिल्ली के ओखला में स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के मुख्यालय पर हरियाणा और दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची है। विश्वविद्यालय का संचालन जिस ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है, वो भी ओखला के पते पर ही पंजीकृत है। वहीं, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने भी मामले का संज्ञान लिया है। NMC ने कहा कि जांच के बाद विश्वविद्यालय के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। यानी मामले में विश्वविद्यालय की मुश्किलें बढ़ना तय है।
विश्वविद्यालय
76 एकड़ में फैला है विश्वविद्यालय
अल-फलाह विश्वविद्यालय फरीदाबाद के धौज गांव में करीब 76 एकड़ में बना हुआ है। इसकी शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी। विश्वविद्यालय के 3 शैक्षणिक संस्थान और परिसर में 650 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी है। यहां कम पैसों में इलाज किया जाता है। विश्वविद्यालय का संचालन करने वाले ट्रस्ट के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी है, जो पहले भी विवादों में रहे हैं। वे 3 साल जेल में भी रहे हैं।