
ED ने सहारा इंडिया के खिलाफ 1.74 लाख करोड़ के घोटाले में दाखिल किया आरोपपत्र
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) सहारा इंडिया के खिलाफ लगातार शिकंजा कस रहा है। ED ने शनिवार को सहारा इंडिया और सुब्रत रॉय के परिवार और उनकी कंपनियों के अधिकारियों के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपपत्र दाखिल किया है। यह आरोपपत्र कोलकाता की PMLA कोर्ट में पेश किया गया है, जिसमें सुब्रत रॉय की पत्नी सपना, बेटा सुशांतो रॉय, जेपी वर्मा, अनिल अब्राहम समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है।
आरोप
ED ने क्या लगाए आरोप?
ED ने आरोपपत्र में कहा कि करीब 1.74 लाख करोड़ रुपये का घोटाला हाई रिटर्न के नाम पर करोड़ों निवेशकों से पैसा लेकर किया गया था। हालांकि, आरोपियों ने निवेशकों का पैसा वापस नहीं किया। ED ने कहा कि सहारा इंडिया ग्रुप और सुब्रत रॉय लोगों में सुरक्षित निवेश का चेहरा बने रहे। गांव-गांव तक फैले एजेंट और भरोसेमंद छवि के चलते करोड़ों लोग अपनी गाढ़ी कमाई सहारा की स्कीमों में लगाते रहे, लेकिन फिर वह घोटाले में फंस गए।
घोटाला
सहारा समूह ने सुरक्षित बचत के नाम पर जमा किया पैसा
ED ने हालिया आरोपपत्र में कहा है कि इस घोटाले में सुब्रत रॉय की पत्नी सपना, उनका बेटा सुशांतो, जेपी वर्मा और अनिल अब्राहम समेत कई अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने करीब 1.74 लाख करोड़ रुपये निवेशकों से इकट्ठा किए थे। यह रकम उच्च रिटर्न और सुरक्षित बचत के नाम पर ली गई थी, लेकिन बाद में कंपनी ने निवेशकों को उनका पैसा लौटाया ही नहीं। इससे करीब 2 करोड़ लोगों का पैसा डूब गया।
भगोड़ा
भगोड़ा है सुब्रतो रॉय का बेटा
मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे नेटवर्क का हिस्सा रहा सुब्रत रॉय का बेटा बेटा वर्तमान में भगोड़ा है। ED ने बताया कि वह पूछताछ में शामिल होने से लगातार बच रहा है। अब सके खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट (NBW) जारी कराने की प्रक्रिया जारी है। यह स्थिति दिखाती है कि सहारा केस सिर्फ बीते वक्त की कहानी नहीं, बल्कि अभी भी जारी लड़ाई है। ED की टीमें लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई है।
शिकार
गरीब लोग बने सहारा इंडिया के प्रमुख शिकार
बता दें कि सहारा इंडिया ने छोटे कस्बों और गांवों में एजेंट नेटवर्क के जरिए लोगों को यकीन दिलाया था कि उसकी योजनाओं को सरकारी मान्यता मिली हुई है और यहां पैसा लगाना सुरक्षित है। इससे बैंक पहुंच से दूर मध्यमवर्गीय लोग कंपनी के जाल में फंस गए। लोग अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए सहारा में निवेश करते चले गए और धीरे-धीरे यह आंकड़ा लाखों निवेशकों से बढ़कर करोड़ों तक पहुंच गया।
छापेमारी
पिछले महीने कई राज्यों में हुई थी छापेमारी
उधर, पिछले महीने सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में ED ने कई राज्यों में नए सिरे से छापेमारी की थी। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और लखनऊ, राजस्थान के श्रीगंगानगर और मुंबई में स्थित कुल 9 परिसरों पर छापे मारे गए थे। ED ने बयान में कहा था कि जिन संस्थाओं में छापे मारे गए वे सहारा समूह की संस्थाओं के साथ विभिन्न भूमि और शेयर लेनदेन से संबंधित थीं।
निधन
सुब्रत रॉय का 2023 में हो गया था निधन
बता दें कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी और सहारा इंडिया के संस्थापक सुब्रत रॉय का 14 नवंबर, 2023 को 75 साल की उम्र में निधन हो गया था। उसके बाद इस मामले की जांच उनकी पत्नी और बेटे पर आ गई है। रॉय ने अपना सफर 2,000 रुपये की रकम के साथ स्कूटर पर नमकीन बेचने से शुरू किया था, लेकिन आखिर में 1.74 लाख करोड़ के घोटाले में फंस गए। इसने करोड़ों लोगों का सुख-चैन छीन लिया था।