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हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ विवाद पर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा
हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ विवाद पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिया अहम बयान

हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ विवाद पर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा

Sep 06, 2025
04:50 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर में हजरतबल दरगाह के मुख्य प्रार्थना कक्ष के बाहर राष्ट्रीय प्रतीक वाली पट्टिका को गुस्साए श्रद्धालुओं द्वारा क्षतिग्रस्त करने के मामले में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे जनता की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी की भी आलोचना करते हुए लोगों से माफी की मांग की है।

प्रकरण

क्या है हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ का मामला?

बता दें कि हजरतबल दरगाह के जीर्णोद्धार के बाद उद्घाटन पर लगाई गई एक मार्बल की प्लेट पर अशोक स्तंभ का चिह्न भी उकेरा गया था। शुक्रवार को इस प्रतीक चिन्ह पर वहां मौजूद कुछ लोगों ने एतराज जताया और इसे इस्लाम के खिलाफ बताया था। मामला उस समय बढ़ गया जब उत्तेजित लोगों ने राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को क्षतिग्रसत कर दिया। इससे वहां तनाव पैदा हो गया। भाजपा ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बयान

मुख्यमंत्री ने क्या दिया बयान?

मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने अनंतनाग में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के दौरान कहा, "पहला सवाल यह है कि क्या प्रतीक चिन्ह को आधारशिला पर उकेरा जाना चाहिए था। मैंने कभी किसी धार्मिक स्थल पर प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल होते नहीं देखा। हजरतबल दरगाह के पत्थर पर प्रतीक चिन्ह लगाने की क्या मजबूरी थी? पत्थर (पट्टिका) लगाने की क्या जरूरत थी? एक बार जांच की जानी चाहिए कि क्या पहले भी कभी धार्मिक स्थलों पर प्रतीक चिन्ह लगाए गए हैं।"

माफी

लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मांगनी चाहिए माफी

मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, "एक गलती हुई थी और फिर यह हुआ, हालांकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। सबसे पहले, लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगिए।" उन्होंने आगे कहा, "सरकारी प्रतीकों का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी इमारतों पर ही होता है। मस्जिदें, दरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे सरकारी नहीं, बल्कि धार्मिक स्थल हैं। वहां सरकारी प्रतीकों का इस्तेमाल नहीं होता। काम अच्छा हो तो लोग उसे जरूर पहचानेंगे, लेकिन पट्टिका लगाने की कोई जरूरत नहीं थी।"

हमला

अंद्राबी ने घटना को करार दिया था आतंकी कृत्य

मुस्लिम वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष अंद्राबी ने राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान को राष्ट्रद्रोह और आतंकी कृत्य करार देते हुए दोषियों के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) और गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल करेंगी। उन्होंने इस घटना के लिए बिना नाम लिए सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को जिम्मेदार ठहराया था।