ED ने अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को किया गिरफ्तार
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विवादों में चल रहे हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार कर लिया है। एजेंसी सिद्दीकी से पूछताछ कर रही थी और उनके आवास की तलाशी ले रही थी। इसके बाद उनको गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जांच में सिद्दीकी से जुड़ी कई फर्मों में वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
रिपोर्ट
झूठे दावों के आरोपों के बाद हुई कार्यवाही
रिपोर्ट्स के अनुसार, ED की जांच दिल्ली पुलिस अपराध शाखा द्वारा दर्ज दो FIR के बाद शुरू हुई, जिसमें आरोप लगाया गया कि विश्वविद्यालय ने गलत लाभ के लिए छात्रों और हितधारकों को गुमराह करने के लिए NAAC मान्यता के फर्जी दावे किए। FIR में यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय ने UGC अधिनियम की धारा 12(B) के तहत मान्यता का झूठा दावा किया, जबकि वह केवल धारा 2(F) के तहत राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में शामिल है।
आरोप
ट्रस्ट फंड और धन के दुरुपयोग के सबूत मिले
जांच में प्रमाण मिले हैं कि ट्रस्ट से प्राप्त धनराशि को परिवार के स्वामित्व वाली संस्थाओं में स्थानांतरित किया गया था। निर्माण और खानपान के ठेके कथित तौर पर सिद्दीकी की पत्नी और बच्चों से जुड़ी फर्मों को दिए गए थे। ED ने 48 लाख रुपये नकद, डिजिटल उपकरण और कई दस्तावेज जब्त किए हैं। ED जांच कर रही है कि क्या धनशोधन का इस्तेमाल लाल किला विस्फोट में शामिल व्यक्तियों को धन मुहैया कराने के लिए किया गया था।
परिचय
कौन है जावेद अहमद सिद्दीकी?
जावेद अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक हैं। वे अल-फलाह समूह के अंतर्गत आने वाली 10 से ज्यादा कंपनियों के निदेशक भी हैं। उनका जन्म 15 नवंबर, 1964 को मध्य प्रदेश में हुआ था और शुरुआती जीवन महू (डॉक्टर अंबेडकर नगर) में गुजरा। जावेद ने महू में सालों पहले एक चिटफंड कंपनी शुरू की थी। इसमें लोगों को पैसा डबल करने का झांसा दिया गया। निवेश घोटाले में वह 3 साल जेल में रहा था।
विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय के बारे में जानिए
अल-फलाह विश्वविद्यालय फरीदाबाद के धौज गांव में करीब 76 एकड़ में बना हुआ है। इसकी शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी। जावेद ने ही इसे शुरू किया था। विश्वविद्यालय के 3 शैक्षणिक संस्थान और परिसर में 650 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी है। विश्वविद्यालय के वर्तमान रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद परवेज हैं और डॉक्टर भूपिंदर कौर आनंद इसकी कुलपति हैं।
धमाका
लाल विस्फोट के बाद से सुर्खियों में विश्वविद्यालय
दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट के बाद से ही यह विश्वविद्यालय सुर्खियों में है। विश्वविद्यालय से जुड़े डॉक्टर मुजम्मिल द्वारा किराए पर लिए गए कमरों से ही लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक मिला था। एक अन्य डॉक्टर, डॉक्टर शाहीन को उनकी कार में हथियार मिलने के बाद गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद लाल किले के पास कार में विस्फोट हुआ। कार में बैठा आतंकी डॉक्टर उमर नबी भी अल-फलाह में काम करता था।