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सरकार ने चेताया- रविवार को मोमबत्ती-दीये जलाते समय इस्तेमाल न करें एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर

सरकार ने चेताया- रविवार को मोमबत्ती-दीये जलाते समय इस्तेमाल न करें एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर

Apr 04, 2020
02:59 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ देश के संकल्प और एकजुटता दिखाने के लिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट तक अपने घर की बत्तियां बंद कर मोमबत्ती और दीये जलाने की अपील की थी। इसे लेकर सरकार की प्रसारण संस्था लोगों को इस दौरान एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचने की सलाह दे रही है। दरअसल, ऐसे सैनिटाइजर तेजी से आग पकड़ लेते हैं, जिसके कारण जलने का खतरा रहता है।

कोरोना वायरस

ये दोनों आपस में कैसे जुड़े हैं?

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एल्होकल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। जानकार कहते हैं कि कम से कम 60 प्रतिशत एल्कोहल की मात्रा वाले हैंड सैनिटाइजर कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी तरह कारगर होते हैं। हालांकि, यह बात भी ध्यान रखने वाली है कि ऐसे सैनिटाइजर में इथाईल एल्कोहल होता है, जिस वजह से यह ज्वलनशील होता है और जल्दी आग पकड़ता है।

अपील

प्रसार भारती ने की यह अपील

ऐसे में प्रसार भारती ने लोगों को मोमबत्ती या दीये जलाते समय एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। प्रसार भारती ने ट्वीट किया, 'नागरिकों को कल रात 9 बजे मोमबत्ती या दीया जलाते समय एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह ज्वलनशील होता है।' इससे पहले जनता कर्फ्यू के दिन प्रधानमंत्री ने लोगों से ताली और घंटी आदि बजाकर स्वास्थ्यकर्मियों का हौसला बढ़ाने की अपील की थी।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखिये ट्वीट

अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या अपील की थी?

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को जारी वीडियो संदेश में कहा था कि कहा कि 5 अप्रैल को देशवासियों को मिलकर कोरोना वायरस को चुनौती देनी है। उन्होंने कहा, "मैं 5 अप्रैल को आपके नौ मिनट चाहता हूं। इस दिन रात 9 बजे घर की सब लाइटें बंद करके दरवाजे पर या बालकनी में खड़े होकर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं। इस दौरान ध्यान रखें कि लोग कहीं भी इकट्ठे न हों।"

जानकारी

दीये या मोमबत्ती जलाते समय ये बातें भी रखें ध्यान

प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश में कहा था, "मेरी एक प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है। अपने घर के दरवाजे और बालकनी से ही इसे करना है।"