मध्य-पूर्व के ऊपर गायब हो रहे विमानों के GPS सिग्नल, भारत सरकार ने जताई चिंता
क्या है खबर?
मध्य-पूर्व के ऊपर से गुजर रहे विमानों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के काम न करने की कई शिकायतें आई हैं। अब मामले में भारत सरकार के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी भारतीय एयरलाइंस को एडवाइजरी जारी की है।
उसने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) में स्पूफिंग (छेड़छाड़) की घटनाओं के कारण विमानन उद्योग अनिश्चितताओं से जूझ रहा है।
मामले में DGCA ने 4 अक्टूबर को एक समिति का भी गठन किया था।
एडवायजरी
एडवाइजरी में क्या है?
एडवाइजरी में मध्य-पूर्व के हवाई क्षेत्र में GNSS में स्पूफिंग की बढ़ती घटनाओं पर ध्यान दिया गया है। इसमें एयरलाइंस से GPS के जाम होने से निपटने के लिए आकस्मिक उपाय विकसित करने का आह्वान किया गया है।
DGCA ने खतरे की निगरानी के लिए नेटवर्क बनाने की भी मांग की है। एडवायजरी जारी करने का उद्देश्य विमानों पर संभावित खतरों को संबोधित करना है, जिससे इस चुनौती से निपटने के लिए एक रोडमैप बनाया जा सके।
प्लस
कैसे की जा रही गड़बड़ी?
स्पूफिंग से मतलब सिग्नल में छेड़छाड़ कर उपयोगकर्ता की नेविगेशन प्रणाली में हेरफेर करने की कोशिश करना होता है।
मध्य-पूर्व के कुछ हिस्सों में उड़ान भरने वाले विमानों को शुरू में एक नकली GPS सिग्नल मिलता है। इस सिग्नल के जरिए विमान के GNSS को ये गलत जानकारी दी जाती है कि वो अपने तय रास्ते से भटक गया है।
ये सिग्नल काफी मजबूत होता है, जो कई बार विमान की सभी नेविगेशन प्रणाली को जाम कर देता है।
घटनाएं
अब तक12 घटनाएं आईं सामने
मध्य-पूर्व में विमानों के GPS में गड़बड़ी की अब तक करीब 12 घटनाएं सामने आई हैं। सबसे आखिरी मामला 20 नवंबर को तुर्की में अंकारा के पास दर्ज किया गया था।
इसके अलावा सितंबर में ईरान के पास कई विमानों के नेविगेशन सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया था। इस वजह से एक विमान बिना अनुमति के ईरानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। पायलट और विमानन प्रणाली से जुड़े कई लोगों ने इस मुद्दे को उठाया है।
वजह
घटनाओं के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं
DGCA और बाकी विमानन प्राधिकरणों को इन घटनाओं के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है। हालांकि, माना जा रहा है कि मध्य-पूर्व में जारी संघर्ष की वजह से क्षेत्र में तैनात सैन्य उपकरणों की तरंगों की वजह से ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
इस तरह की घटनाओं के सबसे ज्यादा मामले उत्तरी इराक और अजरबैजान के एक व्यस्त हवाई मार्ग पर आए हैं। इराक के कुर्द के एरबिल के पास भी कई घटनाएं दर्ज की गई हैं।