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दिल्ली-मुंबई जैसे हवाई अड्डों पर DGCA को क्या-क्या खामियां मिलीं, ये सुरक्षा के लिए कितनी घातक? 
DGCA को कई हवाई अड्डों पर खामियां मिली हैं

दिल्ली-मुंबई जैसे हवाई अड्डों पर DGCA को क्या-क्या खामियां मिलीं, ये सुरक्षा के लिए कितनी घातक? 

लेखन आबिद खान
Jun 25, 2025
04:35 pm

क्या है खबर?

अहमदाबाद विमान हादसे के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने देश के सभी हवाई अड्डों पर जांच टीमें भेजकर सुरक्षा उपायों और संचालन व्यवस्थाओं की समीक्षा की है। इसमें मुंबई, दिल्ली समेत कई बड़े हवाई अड्डों पर सुरक्षा में बड़ी खामियां निकलकर सामने आई हैं। इसके बाद DGCA ने सभी एयरलाइंस से 7 दिन के भीतर इन समस्याओं को दूर करने को कहा है। आइए जानते हैं क्या-क्या समस्याएं सामने आई हैं।

DGCA

DGCA को किस तरह की खामियां मिलीं?

DGCA ने कहा, "बैगेज ट्रॉली जैसे ग्राउंड हैंडलिंग इक्विपमेंट सही नहीं थे। लाइन मेंटेनेंस स्टोर, टूल कंट्रोल प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। विमान के रखरखाव के दौरान कार्य आदेश का पालन नहीं किया गया। अनुपयोगी थ्रस्ट रिवर्सर सिस्टम और फ्लैप स्लैट लीवर को लॉक नहीं किया गया। विमान रखरखाव मैनुअल के अनुसार रखरखाव इंजीनियर द्वारा सुरक्षा सावधानियां नहीं बरती गईं। जीवन रक्षक जैकेट सीटों के नीचे ठीक से नहीं थे। रनवे की सेंटर लाइन मार्किंग फीकी पाई गई।"

टायर

विमानों के टायर घिसे, रनवे के निशान धुंधले पड़े

DGCA ने बताया कि एक हवाई अड्डे पर रनवे की सेंटर लाइन मार्किंग धुंधली पाई गई। 3 सालों से अवरोध सीमा डेटा अपडेट नहीं किया गया और हवाई अड्डे के आस-पास कई नए निर्माण होने के बावजूद कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया। रैंप क्षेत्र में कई वाहन बिना स्पीड गवर्नर के पाए। एक हवाई अड्डे पर टेकऑफ से पहले विमान के टायर घिसे हुए मिले, जिसे ठीक करने के बाद रवाना किया गया।

टायर से समस्याएं

टायर घिसने और मार्किंग धुंधली होने से क्या परेशानियां हो सकती हैं?

टायर घिसने से उनकी पकड़ कमजोर हो जाती है। इससे विमान को रोकने के लिए ज्यादा दूरी की जरूरत होती है। बारिश के मौसम में इस वजह से विमान फिसल भी सकता है या ज्यादा लोड आने पर फट सकता है। वहीं, रनवे पर बनी सेंटर लाइन से पायलट रनवे के केंद्र की अंदाजा लगाता है। यह धुंधली पड़ती है तो टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान पायलट की दिशा की समझ गड़बड़ा सकती है।

इमारत

हवाई अड्डों के आसपास ऊंची इमारतों का डेटा अपडेट नहीं

DGCA ने कहा कि 3 सालों से हवाई अड्डों के आसपास पेड़, टॉवर या ऊंची इमारतों को डेटा अपडेट नहीं किया गया। विमान के टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय हवाई अड्डे के आसपास का पूरी इलाका साफ होना चाहिए। अगर कोई ऊंची इमारत या टॉवर जैसी चीज हो तो वे विमान के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। पायलट, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और हवाई अड्डे के लिए भी ये डेटा अहम होता है।

थ्रस्ट रिवर्सर सिस्टम

क्यों अहम है थ्रस्ट रिवर्सर सिस्टम और फ्लैप स्लैट लीवर लॉक?

थ्रस्ट रिवर्सर लैंडिंग के समय इस्तेमाल किया जाता है। ये विमान के इंजन के थ्रस्ट की दिशा उल्टी करता है, जिससे लैंडिंग के समय विमान जल्दी रुक जाता है। इसके गलती से खुलने या देरी से खुलने से घटना हो सकती है। वहीं, फ्लैप-स्लैट लीवर लॉक से विमान के पंख पर लगी फ्लैप्स को लॉक किया जाता है। इससे टेक-ऑफ या लैंडिंग के समय फ्लैप पोजिशन में अचानक बदलाव नहीं आता है।

अन्य चीजें

बाकी चीजें कितनी अहम है?

रैंप पर चलने वाले वाहनों में स्पीड गवर्नर न होने से वे विमान से टकरा सकते हैं। इससे इंजन, विंग, फ्यूसलेज को नुकसान हो सकता है या किसी कर्मचारी की जान जा सकती है। एयरक्रॉफ्ट लॉगबुक में विमान की तकनीकी जानकारी दर्ज की जाती है। अगर कोई खराबी आई और वो दर्ज नहीं हुई तो उसे दूर करने में समस्या आ सकती है। कर्मचारियों को पता नहीं चलेगा कि कब कौनसी समस्या आई थी।