गणतंत्र दिवस परेड में इस बार भी नहीं दिखेगी दिल्ली की झांकी, केजरीवाल ने उठाए सवाल
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर निकलने वाली परेड के लिए एक बार फिर दिल्ली की झांकी का चयन नहीं किया गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा कि वो दिल्ली से इतनी नफरत क्यों करती है। बता दें कि लगातार चौथे साल दिल्ली का झांकी का चयन नहीं हुआ है।
क्या बोले केजरीवाल?
केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली भारत की राजधानी है और दिल्ली की झांकी को हर साल 26 जनवरी की परेड में भाग लेना चाहिए। पिछले कई सालों से दिल्ली की झांकी को परेड में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई है। यह किस तरह की राजनीति है? वे दिल्ली के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं? दिल्ली के लोगों को उन्हें वोट क्यों देना चाहिए?" केजरीवाल ने इसे दिल्ली के सही प्रतिनिधित्व की उपेक्षा करने वाली राजनीति कहा।
15 राज्यों की झांकी का हुआ चयन
इस बार की परेड के लिए 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन किया गया है। चयनित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बिहार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हरियाणा शामिल हैं। अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दिल्ली द्वारा प्रस्तावित झांकी चयन मानदंडों पर खरी नहीं उतरी है।
कैसे चुनी जाती है झांकी?
गणतंत्र दिवस की परेड के लिए झांकियों का चयन रक्षा मंत्रालय की एक समिति करती है। इस समिति में कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, आर्किटेक्चर, नृत्य जैसे क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोग होते हैं। समिति सदस्य विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों से मिले झांकियों के प्रस्तावों को देखते हैं। इन झांकियों का चयन उनके विषय, डिजाइन और कई पहुलओं के आधार पर किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान करीब 6 या 7 बैठकें की जाती हैं।
झांकियों को लेकर पिछले साल भी हुआ था विवाद?
पिछले साल भी गणतंत्र दिवस परेड की झांकियों के चयन पर विवाद हुआ था। पिछले साल पश्चिम बंगाल, दिल्ली और पंजाब की झांकियों का चयन नहीं हुआ था। तब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि आजादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा कुर्बानियां देने वाले राज्य की झांकी को नहीं दिखाया जा रहा है, यह पंजाब के साथ पक्षपात है। वहीं, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी फैसले को दुर्भावना से प्रेरित बताया था।